कवि की जान है क़लम, कवि की शान है क़लम कवि का इमान है क़लम, कवि का सम्मान है क़लम क़लम की पूजा करतें हैं, जो कवि सच्चे होते हैं, बिना क़लम कुछ भी नहीं, कवि की पहचान है क़लम।।