White शीर्षक - हम देशवासी ****************** हम सब देशवासी कहलाते हैं। नियम संविधान हमें बताते हैं। देश हम देशवासी चलाते हैं। विभाग नियम कानून होते हैं। हम सभी देशवासी रहते हैं। देशवासी ही रौब दिखाते हैं। हम सब मिलकर रहते हैं। धन और ताकत दिखाते हैं। कुदरत और ईश्वर बनाते हैं। सभी इंसान देशवासी होते हैं। भूल गए हम कुदरत के रंग, बस अहम वहम हम रखते हैं। देश में वर्ग बनकर हम रहते हैं। मतदान में मतदाता एक होते हैं। एक समान नियम कहा बनते हैं। हम देशवासी ही देश चलाते हैं। *********** नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र ©Neeraj kumar Agarwal chandausi u.p #Thinking #neeraj_poetry