अगर मै लिखु बालात्कारीयो पर तो खत्म़ ना होगी बात सुना है आज फिर से निचोड़ा गया जिश्म दरिंद्रो के हाथ कब तक हम डर के जियेगे घुटन भरी सांस क्यों ना मार दिया जाता है उसे उसी वक़्त सहम कर जी रही आज की बेटियाँ इन कायरो के डर से चार दिवारी में ओढा़ दिया जाता कफन निर्दोष मासूम तन को अब कितना हिजाब करे खुद को जब बलात्कारी का नज़र खराब है रौंदा है हैवानो ने उस सहमती रुह को बिलखी है भाई -भाई कह कर पर शर्म ना आई वहशी को Krity 💘 . ©Krity alfazo ki rani #repist #Khamoshi #Dard #darrr 😡