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उस अँधेरे के सन्नाटे में कोई पीछा कर रहा था। कृप्

उस अँधेरे के सन्नाटे में कोई पीछा कर रहा था।  कृप्या कैप्शन में पढ़ें 🙏🏻 "आज फिर वो माँ की डांट सुनकर गुस्से में, घर से बाहर निकल आया, आज फिर उसने सोच लिया कि अब कुछ भी हो घर नही जाऊगा.... भला ऐसा कोई करता है? मेरे सभी दोस्तों को आज़ादी है पर मुझे ही नही है.. सब अपनी ज़िंदगी जीते हैं पर.. मैं... मैं क्यों नही अपनी मर्जी से, खुल कर जी सकता हर समय, मम्मी की बंदिशें... घर जल्दी आया करो, रात को जल्दी सोया करो, स्कूल से सीधा घर आओ, ये नही कहना वो नही खाना, यहाँ नही जाना, इससे दोस्ती नही करनी, उससे नही बोलना.... उफ्फ ! कितनी बंदिशें..??
वो अपनी इसी सोच में उलझा चला जा रहा था... तभी एक अंधेरी गली में एक 10 11 साल का बच्चा कुछ तलाश करता दिखाई दिया, वो उसके पास जा कर बोला "क्या हुआ..? तुम रात मे यहाँ क्या कर रहे हो..?
"मम्मी की गोद मे मिलने वाला सकुन  तलाश रहा हूँ".... बच्चे ने कहा
तभी एक आलीशान कार पास आ कर रुकी.. उसमें से एक सूट बूट में वो व्यक्ति उतरा.. 
बच्चा भाग कर उस व्यक्ति से लिपट गया
"पापा.... माँ यहाँ भी नही है!!
वो व्यक्ति भीगी आँखो से दुलार करता हुआ, गोद मे उठा कर बोला ...
"घर चलो बेटा... मम्मी अब कभी नही मिलेगी...
उस अँधेरे के सन्नाटे में कोई पीछा कर रहा था।  कृप्या कैप्शन में पढ़ें 🙏🏻 "आज फिर वो माँ की डांट सुनकर गुस्से में, घर से बाहर निकल आया, आज फिर उसने सोच लिया कि अब कुछ भी हो घर नही जाऊगा.... भला ऐसा कोई करता है? मेरे सभी दोस्तों को आज़ादी है पर मुझे ही नही है.. सब अपनी ज़िंदगी जीते हैं पर.. मैं... मैं क्यों नही अपनी मर्जी से, खुल कर जी सकता हर समय, मम्मी की बंदिशें... घर जल्दी आया करो, रात को जल्दी सोया करो, स्कूल से सीधा घर आओ, ये नही कहना वो नही खाना, यहाँ नही जाना, इससे दोस्ती नही करनी, उससे नही बोलना.... उफ्फ ! कितनी बंदिशें..??
वो अपनी इसी सोच में उलझा चला जा रहा था... तभी एक अंधेरी गली में एक 10 11 साल का बच्चा कुछ तलाश करता दिखाई दिया, वो उसके पास जा कर बोला "क्या हुआ..? तुम रात मे यहाँ क्या कर रहे हो..?
"मम्मी की गोद मे मिलने वाला सकुन  तलाश रहा हूँ".... बच्चे ने कहा
तभी एक आलीशान कार पास आ कर रुकी.. उसमें से एक सूट बूट में वो व्यक्ति उतरा.. 
बच्चा भाग कर उस व्यक्ति से लिपट गया
"पापा.... माँ यहाँ भी नही है!!
वो व्यक्ति भीगी आँखो से दुलार करता हुआ, गोद मे उठा कर बोला ...
"घर चलो बेटा... मम्मी अब कभी नही मिलेगी...

"आज फिर वो माँ की डांट सुनकर गुस्से में, घर से बाहर निकल आया, आज फिर उसने सोच लिया कि अब कुछ भी हो घर नही जाऊगा.... भला ऐसा कोई करता है? मेरे सभी दोस्तों को आज़ादी है पर मुझे ही नही है.. सब अपनी ज़िंदगी जीते हैं पर.. मैं... मैं क्यों नही अपनी मर्जी से, खुल कर जी सकता हर समय, मम्मी की बंदिशें... घर जल्दी आया करो, रात को जल्दी सोया करो, स्कूल से सीधा घर आओ, ये नही कहना वो नही खाना, यहाँ नही जाना, इससे दोस्ती नही करनी, उससे नही बोलना.... उफ्फ ! कितनी बंदिशें..?? वो अपनी इसी सोच में उलझा चला जा रहा था... तभी एक अंधेरी गली में एक 10 11 साल का बच्चा कुछ तलाश करता दिखाई दिया, वो उसके पास जा कर बोला "क्या हुआ..? तुम रात मे यहाँ क्या कर रहे हो..? "मम्मी की गोद मे मिलने वाला सकुन तलाश रहा हूँ".... बच्चे ने कहा तभी एक आलीशान कार पास आ कर रुकी.. उसमें से एक सूट बूट में वो व्यक्ति उतरा.. बच्चा भाग कर उस व्यक्ति से लिपट गया "पापा.... माँ यहाँ भी नही है!! वो व्यक्ति भीगी आँखो से दुलार करता हुआ, गोद मे उठा कर बोला ... "घर चलो बेटा... मम्मी अब कभी नही मिलेगी... #MeriKahani #author #kavishala #एहसास #nojotohindi #कलम #kalakaksh #hamariadhurikahani #CTL #कलमसे