कितना रहना कितना जीना होता है, गम के आँसू को ही हरदम पीना होता है, हाल-चाल में अब नंबर जाने जाते हैं, हम तो सबसे कमतर माने जाते हैं।। बन वीर यहाँ पर आए थे, हम वीर यहाँ पर आए थे, बचपन की मस्ती कश्ती छोड़, हम गंभीर यहाँ पर आए थे।। कुछ खोकर पाना था मुझको, मैं होकर पाना था खुद को , पर लगता मैं सब को दूँगा, हंसते-हंसते अब रो दूँगा।। होता अब बेफिक्र नहीं, रिश्तो का कोई जिक्र नहीं, बंद कमरे दिन ढलता है, यहां प्यार नहीं मिलता है ।। पर कहता फिरता अच्छा हूँ मैं, मैं अंदर से टूट कर कच्चा हूँ मैं, यह दुनिया ललचाती बहकाती है, सुन लो अभी भी बच्चा हूँ मैं।। kota and delhi situation of students#iit#neet#students