प्लासी 1757 ईस्वी और बक्सर 1764 ईसीबी के युद्ध में अंग्रेजो की विजय के फल स्वरुप भारत के गले गुलामी की जंजीर अवश्य पड़ गई थी किंतु मानसिक रूप से भारतीय जनमानस ने कभी पराजय स्वीकार नहीं की अंदर अंदर प्रतिशोध की अग्नि सुलगती रही और एक समय ऐसा आया कि जब महाराज नंद कुमार ने बताया अलम के सामने रखकर भारत की विभिन्न शक्तियों को एकजुट कर अंग्रेजों को समूल नष्ट करने की योजना बनाई उन्होंने पुणे के पेशवा से भी संपर्क किया के पेशवा की दूत और नंद कुमार के दूत चंदन नगर में मिले इससे वारेन हेस्टिंग्स को शक हुआ उसने जालसाजी का फर्जी मुकदमा बनाकर नंद कुमार को फंसाया और न्याय का ढोंग रचकर 5 अगस्त 1767 को फांसी पर लटका @Sandeep Pardesi@siya pandey@gurmukh singh@Rahul joshi Zindagi_E_Tufan @utter Pradesh sarkar