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यादें बिखरा सही, पर यूं ही रहने दो घर अपना यादें

 यादें बिखरा सही, पर 
यूं ही रहने दो घर अपना 
यादें दुबकी रहती हैं जहाँ 
पुराने सामानों की आड़ में

चमचमाते घर की चाह में 
पहले भी कई रिश्तों को
बिकते देखा है मैंने
 यादें बिखरा सही, पर 
यूं ही रहने दो घर अपना 
यादें दुबकी रहती हैं जहाँ 
पुराने सामानों की आड़ में

चमचमाते घर की चाह में 
पहले भी कई रिश्तों को
बिकते देखा है मैंने

यादें बिखरा सही, पर यूं ही रहने दो घर अपना यादें दुबकी रहती हैं जहाँ पुराने सामानों की आड़ में चमचमाते घर की चाह में पहले भी कई रिश्तों को बिकते देखा है मैंने #Love #poem #hindipoetry