बरस रही है घटा कुछ इस क़दर जम के कई सदियों की प्यासी आंखें बरसी हों मृदुल बाजपेयी ( 24 June 2019) ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ मत पूछ कि इज़हार -ऐ-मुहब्बत कैसा था मेरे चेहरे की रंगत से तू खुद अंदाज़ लगा ले। 24/06/18,10:16am Mridul Vajpai #एहसास