आसमां की कोई ज़मीं ना,,कमीने यारों में कोई कमी ना. कदमों की धूल से खेलते है यारियां,,कोई नफरत की धूल दिल पे ज़मी ना. बचपन की पतंग यारों संग उड़ा डाली,,तंग गलियों में खुली यारी निभा डाली. ईद दीवाली सब एक थी,,हर तैयोहार की मस्ती नेक थी. नंगे पांव कपड़े मैले थे,,पूरे शहर की गलियों में यारों संग खेले थे. एक दूजे पे वारते जान थे,,टोलियों में घूमते शान से. प्यार व्यार की ना कोई पहचान थी,,कमीने यार ही मासूका थे कमीने यारों में ही जान थी। #friendship#friends#december कमीने यार---Tittle--कमीने यार