रोज़ बढ़ती सुबह के साथ, उसे पाने की ख़्वाहिश बढ़ती जाती मग़र ढलती शाम के साथ, उसे भूलने की आदत लग जाती । रोज़ बढ़ती सुबह के साथ, उसे पाने की ख़्वाहिश बढ़ती जाती मग़र ढलती शाम के साथ, उसे भूलने की आदत लग जाती । #nojoto #talvindra_writes #talvindra_karela #night #dil सत्यम