सफर और मंजिल दोंनो ही खूबसूरत होते है
क्योंकि मंजिल अपनों के लिये और सफर अपनों के साथ होता है और कभी कभी अनजान भी हम सफर बन जाते है कुछ मिलते है कुछ बिछड़ जाते हैं। उनका साथ और यादें जीवन में आगे बड़ने की प्रेरणा देती हैं। बिना सफर के मंजिल नहीं मिलती और बिना मंजिल के जिन्दगी के कोई मायने नहीं।
पारुल शर्मा