सावन में बौछार बनकर पतझड़ में तुम राग बनकर मेघों से तुम एक मुलाकत मेरे लिए करके आ जाना | शीत ऋतु में ग्रीष्म बनकर अमावस में तुम चाँद सवरकर कोयल की तुम खास वाणी मेरे लिए सुनकर आ जाना | गजलों में तुम शब्द बनकर नज्मों के किस्से में घुलकर कविता को थोड़ा सा देख मेरे गीत निखारने आ जाना | प्यासी धरा का पानी बनकर सबकी निर्मल वाणी बनकर लेकर एक चेहरे पर मुस्कान मेरा साथ निभाने आ जाना | #NojotoQuote तुम आ जाना #imagination#poem#before#exam #morning#poetry#thought सावन में बौछार बनकर पतझड़ में तुम राग बनकर मेघों से तुम एक मुलाकत मेरे लिए करके आ जाना |