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जिन्होंने खिलते फूल में इंसानियत का महक है डाला सू

जिन्होंने खिलते फूल में इंसानियत का महक है डाला
सूखे रेगिस्तान में ज्ञान का तालाब बन हमें संभाला
धूप में दरख्तों का किरदार क्या खूब है निभाया
कुछ अलग होते हैं इनके अंदाज
क्योंकि मालूम है इन्हें यह बात
बिन जले किसे चमकना अाया
बिन संघर्ष किसने अस्तित्व बनाया
 एेसे शिक्षक को प्रणाम!!
 जिन्होंने मंजिल को ला दरवाजे पर खड़ा किया
कोरे कागज पर इतिहास  रचने का ताकत
अपने शिष्य को दिया #worldteachersday
जिन्होंने खिलते फूल में इंसानियत का महक है डाला
सूखे रेगिस्तान में ज्ञान का तालाब बन हमें संभाला
धूप में दरख्तों का किरदार क्या खूब है निभाया
कुछ अलग होते हैं इनके अंदाज
क्योंकि मालूम है इन्हें यह बात
बिन जले किसे चमकना अाया
बिन संघर्ष किसने अस्तित्व बनाया
 एेसे शिक्षक को प्रणाम!!
 जिन्होंने मंजिल को ला दरवाजे पर खड़ा किया
कोरे कागज पर इतिहास  रचने का ताकत
अपने शिष्य को दिया #worldteachersday