दिन और रात सूरज के रंग में ढलते हैं, समय आने पर अपने भी बदलते हैं| सब इसी समय का खेल हैं ज़नाब...... एक वक़्त पे जो हमें आँखों में बसाने का दावा किया करते थे, आज हम उनकी आँखों में खटकते हैं|| -लकी त्रिपाठी #Nojotopoetry #Nojotoshayari #Nojotomood #Nojotonews