तेरी इक नज़र ने कई ख़्वाब दे डाले । जो न कह सकी जुबाँ, कलम ने वो राज़ लिख डाले । मैं सोया नहीं वर्षों जो कभी चैन से रातभर । मेरे बेचैनियों के किस्से , चादर की सलवटों ने कह डाले ।। ओमी #sapne