अपनी इज्जत को बेशुमार चाहता हूँ। इसलिए तो तुझे मुझसे दूर चाहता हूँ इज्जत तो समझा हैं तुझे- मगर इसके बदले इस इज्जत को कदरदार चाहता हूँ। ✍️-(suyash jain)