जन्म लेते ही शिक्षा का आवागमन हो जाता है शुरू, हर बालक की मां ही होती है उसकी पहली गुरु, खाना, पीना, बोलना ,चलना ,हर बाल अवस्था की क्रीड़ा, मां के आंचल में ही सीखता है वो प्यार और पीड़ा। विद्या सीखने के लिए जब वो तैयार हो जाता है, जा कर विद्यालय वो हर विषय का गुरु पाता है, कुम्हार जिस तरह मिट्टी को आकार दे कर रूप बदल देता है, गुरु भी साक्षत्कार दे कर हमारी जीवन में रोशनी भर देता है। जो इस भवसागर में सुख़ और दुःख को जो समान बताता है, एक ऐसा अध्यात्मिक गुरु हमारे जीवन में जरूर आता है, सच्चाई और अर्थ जीवन के वो गहराई से समझाता है, वहीं गुरु हमको मंजिल और राह दोनों दिखाता है। अंधेरी रातों से सूरज की रोशनी की तरह बाहर निकलना, जो किताबो में नहीं मिला वो सबक तूने सिखाया, हम सब तो अपने गुरु के सामने नतमस्तक हुए, लेकिन उन्होंने भी अपना सर तुझे गुरु मान झुकाया, ज़िन्दगी तुझे हर किसी ने अपना गुरु बनाया। गुरु पूर्णिमा पर सब गुरुओं को मेरा नमन । Sunny Adlakha #Gurupurnima Shalini Bajaj Shalu Roshani Thakur ..SShikha.. आकांक्षा नन्दन