शान है। (पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें) माँ की समझ पापा की दुलार हैं बेटी, ईश्वर का सबसे सुंदर वरदान हैं बेटी, बेटी जोड़े दो घरों से रिश्ता हैवानों की भीड़ क्यों है दुनियां में क्यों कभी कभी बेबस और लाचार है बेटी, हर मुश्किल से से लड़ने को तैयार है इस सदी की बेटी, माँ-पापा के आँगन को उल्ल्लासित कर देती बेटी,