एक दिन मैं जा रहा था सैर को, इधर शमशान था, ऊधर कब्रिस्तान था, एक हड्डी ने पांव से लिपट कर यूं कहा, चलने वाले सम्भल के चल, मैं भी तो कभी इन्सान थी !! #NojotoQuote https://youtu.be/r4i2iEBACYI जिंदगी