मुक्तक वो कलम मैं हूँ, बन जिसकी स्याही भरती पन्ना तु है। और किताब की मेरे,मधुर सी सभी संरचना तु है। कर रहा था शुरू मैं कभी तुझसे अपनी बात को आज हर शायरी,मेरी हर कवितायें की रचना तु है।। एक नई मुक्तक #Nojoto #kavyashaala #Muktak #Prateek #Nojoto Mamta