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Life and Poem तुम और मैं, जिंदगी, कुछ यूँ एक दु

Life and Poem 


तुम और मैं, जिंदगी, कुछ यूँ एक दुसरे के सार है। 
कभी कविता बन मै  तुझमे बस जाती हूँ 
 और कुछ जिंदगी बन  तुम सलीका बन  मुझमे बस जाते हो। #Life_poem
Life and Poem 


तुम और मैं, जिंदगी, कुछ यूँ एक दुसरे के सार है। 
कभी कविता बन मै  तुझमे बस जाती हूँ 
 और कुछ जिंदगी बन  तुम सलीका बन  मुझमे बस जाते हो। #Life_poem