बल खाते इठलाते,हिरनी जैसे दौड़ते देखा तुमको मदहोश थे हम जैसे नशा कनक का जब देखा तुमको पहली बार। वो तुतलाना,वो दोस्तों की लुकाछिपि से घबराना याद है हमें जब देखा तुमको पहली बार। वो काजल से भरीं चंचल नज़रें कपोलो पर मिठी सी मुस्कान याद है हमें जब देखा तुमको पहली बार वो था परवती हरियाली का भ्रम या तुम्हारे खुले केशों का जाल हम शब्दों को खोल ना सके जब देखा तुमको पहली बार नज़रें जो कुछ कह रहीं तुम्हारी थी झुकाकर पलकों को हमने भी आपका एहतराम किया था खो गये हम आप में तभी से जब देखा तुमको पहली बार जब देखा तुमको पहली बार .......!!!!! जब देखा तुमको पहली बार #प्रेम#मुलाकात