मैं लिख दूं तेरी कमर पर अपना नाम क्या? तू पूछेगी गर मोहब्बत में होंठो का काम क्या? मोहब्बत हो जाए गर जिस्म को किनारे रखकर। तो सच बोलना क्या ख़ुदा और फ़िर राम क्या? मैं लिख दूं तेरी कमर पर अपना नाम क्या? तू पूछेगी गर मोहब्बत में होंठो का काम क्या? मोहब्बत हो जाए गर जिस्म को किनारे रखकर। तो सच बोलना क्या ख़ुदा और फ़िर राम क्या? Do comment 🤞 Follow @shyamal_ke_shabd