देखकर मेरी नम आंखों को, लगे हैं पूछने लोग मुझसे। इतने गम में क्यों हो? उनके पूछने का शुक्रिया भी हमने यूं अदा किया, जनाब! ये गम समझने की ख्वाहिश ही तो हमे खुशी देती है। धीरज कोहली # खुशियों से समझौता नहीं,और गामो से दोस्ती।