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#Joker अन्तर मन की वेदना जब प्रखर रूप में आती है त

#Joker अन्तर मन की वेदना जब प्रखर रूप में आती है
तब नादिया अपने नैनो से अश्रु की धार चलाती है
जब जीवन को जीवन का आयाम नहीं मिल पाता है
तब गहन संवेदनाये जीवन की पल पल हमें रुलाती है
तब हम अपने आँखों में एक राह किसी की तकते है
कोई ऐसे भी कोई आये जैसे सावन घुमड़ बरसते है
तब तब आता है एक मस्ताना जो अधरों पर चंचलता लाता है
हर पल हमें हँसाने को खुद #जोकर बो बन जाकेता है

मनोज मस्ताना 
9027168899 अन्तर मन की वेदना जब प्रखर रूप में आती है
तब नादिया अपने नैनो से अश्रु की धार चलती है
जब जीवन को जीवन का आयाम नहीं मिल पाता है
तब गहन संवेदनाये जीवन की पल पल हमें रुलाती है
तब हम अपने आँखों में एक राह किसी की तकते है
कोई ऐसे भी कोई आये जैसे सावन घुमड़ बरसते है
तब तब आता है एक (मस्ताना) जो अधरों पर चंचलता लाता है
हर पल हमें हँसाने को खुद जोकर बो बन जाकेता है
#Joker अन्तर मन की वेदना जब प्रखर रूप में आती है
तब नादिया अपने नैनो से अश्रु की धार चलाती है
जब जीवन को जीवन का आयाम नहीं मिल पाता है
तब गहन संवेदनाये जीवन की पल पल हमें रुलाती है
तब हम अपने आँखों में एक राह किसी की तकते है
कोई ऐसे भी कोई आये जैसे सावन घुमड़ बरसते है
तब तब आता है एक मस्ताना जो अधरों पर चंचलता लाता है
हर पल हमें हँसाने को खुद #जोकर बो बन जाकेता है

मनोज मस्ताना 
9027168899 अन्तर मन की वेदना जब प्रखर रूप में आती है
तब नादिया अपने नैनो से अश्रु की धार चलती है
जब जीवन को जीवन का आयाम नहीं मिल पाता है
तब गहन संवेदनाये जीवन की पल पल हमें रुलाती है
तब हम अपने आँखों में एक राह किसी की तकते है
कोई ऐसे भी कोई आये जैसे सावन घुमड़ बरसते है
तब तब आता है एक (मस्ताना) जो अधरों पर चंचलता लाता है
हर पल हमें हँसाने को खुद जोकर बो बन जाकेता है

अन्तर मन की वेदना जब प्रखर रूप में आती है तब नादिया अपने नैनो से अश्रु की धार चलती है जब जीवन को जीवन का आयाम नहीं मिल पाता है तब गहन संवेदनाये जीवन की पल पल हमें रुलाती है तब हम अपने आँखों में एक राह किसी की तकते है कोई ऐसे भी कोई आये जैसे सावन घुमड़ बरसते है तब तब आता है एक (मस्ताना) जो अधरों पर चंचलता लाता है हर पल हमें हँसाने को खुद जोकर बो बन जाकेता है #Joker #नज़्म #कविता #शायरी #गीत #मुक्तक #मनोज_मस्ताना