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आयुष पंचोली

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आयुष पंचोली

हमे हमारे जीवन हर मे दिन मिलने वाला कोई शख्स,  कोई कार्य,  कोई घटना सभी सदैव कुछ न कुछ सीख देते ही रहते है।
फिर वो सीख जैसी भी हो, उसे अपने जीवन मे किस तरह , किस रूप मे आपको उपयोग मे लाना है या नही यह आपके स्वयं के विवेक पर निर्भर करता है।🙏

ॐ 卐 शिवोअहम् 卐 ॐ
ज्योतिष,वास्तु समाधान केंद्र
319 श्री मंगल नगर, बिचोली मर्दाना रोड,
इन्दौर (म.प्र.) 452016
पं• आयुष पंचोली(शिवदास)
ज्योतिर्वीद व वास्तु सलाहकार

©आयुष पंचोली #rain
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आयुष पंचोली

देवी उपासक व साधक को सन्तान प्राप्ति मे कन्या ही होगी यह मात्र एक भ्रान्ती ही है।
देवी स्वयं पृकृति है, और प्रकृति व पुरूष का मिलन ही नव सृजन का आधार होता है।
किसी भी पृकार की साधना, उपासना व पूजा-पाठ से आपके भीतर ही तत्वो की जागृती होती है। तत्व वही पाँच है जो सर्वज्ञ है, अर्थात अग्नि , पृथ्वी, वायु, जल व आकाश।
हर शक्ति किसी एक प्रधान तत्व की सूचक है। आप जिसे अपनाएंगे उससे सम्बंधित तत्व की जागृती आपके भीतर होने लगेगी।
जिसका पूरा असर आपके रहन-सहन , आपके बोलचाल के तरीको व आपके स्वभाव मे स्पष्ट नजर आने लगता है।
पर जब कभी कोई विपरीत तत्वो के प्रधान की ऊर्जा का आपस मे टकराव होगा तो आपके भीतर की ऊर्जा भी असंतुलित हो जायेगी। जैसे मान लीजिए कोई अग्नितत्व की ऊर्जा का साधक है, और वो अग्नि के साथ जल तत्व की ऊर्जा को भी साधने का पृयास करने लगता है, तो उसके भीतर असंतुलन व्याप्त हो जाएगा।
बस यह असंतुलन ही आपके जीवन मे भटकाव लाता है।
और रही बात संतान उत्पत्ति की तो, हर नर अर्थात नारायण की हर संतान चाहे स्त्री हो या पुरुष सभी का शरीर बनता पंच तत्वो से ही। जो की ईश्वर द्वारा एक समान सभी को जन्म से ही प्राप्त होते है।
पर माता-पिता के आराध्य का तत्व जो उनके शरीर मे जागृत होता है, उसकी प्रधानता संतानो मे भी देखी जाती है।
पर इसका अर्थ कदापि यह नही होगा की, अगर कोई देवी साधक है तो उसे कन्या रत्न की प्राप्ती अधिक होगी, और कोई देव साधक है तो उसे पुत्र रत्न की। यह मात्र एक भृम है और कुछ नही।
संतान प्राप्ति मे सबसे मुख्य योगदान घर के पूर्वज, पित्र व अहूतो का होता है। अगर यह पृसन्न है तो कुल वृध्दि अवश्य होती ही है। और अहूत सदैव जन्म लेकर वापस आते ही है। बस इन्हे पृसन्न रखिये और संतान की चिन्ता से मुक्त हो जाइये। यकीन मानिये आपके यहा कुल वृध्दि अवश्य होकर रहेगी।
बाकी ईश्वर का वरदान मान पुत्र हो या कन्या सभी को स्वीकार कर अपने कर्म के किर्यान्वण मे निरंतर लगे रहे। सभी मे ईश्वर का ही अंश है, सभी मे वही तत्व विद्यमान है।
और सबसे बडी बात आपको ईश्वर ने यह वरदान दिया है की आपके पास आपकी संतान है। तो फिर कुछ और सोचे बिना अपना धर्म निभाएं। और यह भृम न पाले की देवी उपासको को कन्या रत्न की ही प्राप्ति अधिक होती है।🙏
"जय श्रीराम "
"माता सबका कल्याण करें"
ॐ 卐 शिवोअहम् 卐 ॐ
ज्योतिष,वास्तु समाधान केंद्र
319 श्री मंगल नगर, बिचोली मर्दाना रोड,
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पं• आयुष पंचोली(शिवदास)
ज्योतिर्वीद व वास्तु सलाहकार

©आयुष पंचोली #Cassette
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आयुष पंचोली

ज्योतिष शोध का विषय है, कोई किताबी ज्ञान नही। 
जिसे पढकर फलादेश किया जा सके।
इसमे देश , काल , परिस्थिती के अनुसार पूरा फलादेश ही बदल जाता है। हर कुंडली अपने भीतर कई रहस्य समेटे हुए होती है। 
लगातार  शोध करने वाला और सदैव अपने ईष्ट की कृपा प्राप्त व्यक्ति ही इस कार्य मे सफल हो पाता है।
कोई भी सूत्र हो, सबका असर कभी भी हर किसी पर एक जैसा नही होता। इसलिए ही हर कुंडली को अपने आप मे एक रहस्य मान, पूर्ण निष्ठा से उसका अध्ययन कर उसके रहस्य पर गहन शोध के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचना सही होता है। ना कि ऊपरी तौर पर गृहो की placement  को देखकर।
ॐ 卐 शिवोअहम् 卐 ॐ
ज्योतिष,वास्तु समाधान केंद्र
319 श्री मंगल नगर, बिचोली मर्दाना रोड,
इन्दौर (म.प्र.) 452016
ज्योतिर्वीद प. आयुष पंचोली (शिवदास)

©आयुष पंचोली #Nature
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आयुष पंचोली

गृहण के दो दिन पूर्व से गृहण के चार दिन पश्चात तक किसी भी तरह का कोई विवाह जँहा तक हो सकें टाल देना चाहिए। (अर्थात तेरस से चतुर्थी तक)
इस दौरान जुडा कोई भी सम्बंध कुल हानि करता है।
ॐ 卐 शिवोअहम् 卐 ॐ
ज्योतिष,वास्तु समाधान केंद्र
319 श्री मंगल नगर, बिचोली मर्दाना रोड,
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ज्योतिर्वीद प. आयुष पंचोली (शिवदास)

©आयुष पंचोली #leaf
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आयुष पंचोली

यंत्र, तंत्र और मंत्र 
तीनो ही एक दुसरे से जुडे हुए है। तीनो को साथ लेकर ही, किसी ऊर्जा को जाग्रत किया जाता है।
जैसे की-
मंत्र- अर्थात् वह वाक्य जिनसे ऊर्जा का आवाहन, पूजन किया जाता है।
यंत्र- अर्थात् वह घेरा य वह वस्तु जिसपर ऊर्जा को स्थान दिया जाता है। पूजन मे बनने वाले मण्डल व स्थापित कलश भी यंत्र की श्रेणी मे ही आते है।
तंत्र- अर्थात् किसी ऊर्जा के आवाहन से लेकर, पूजन , अर्चन तक की पूर्ण प्रकिया तंत्र ही कहलाती है।

हा यह जरूर कह सकते है , की सात्विक पूजा पध्दति वैदिक तंत्र कहलाएगी। 
और तामसिक पूजा पध्दति के बहुत सारे रूप है। जिसमे डामर तंत्र , भूत डामर तंत्र, मुण्डमाल तंत्र, भोम्ती विघा , महाविद्या, कामाख्या तंत्र , कापालिक तंत्र आदि लगभग 52 भाग है। 

और इन सबसे अलग एक तंत्र है, यामल तंत्र जिसे आनन्द भैरव-भैरवी संवाद कहलो, या रूद्रयामल तंत्र कहलो।  यह तंत्र कुंडलिनी शक्ति के जागरण की विघा है।
जिसका एक भाग विज्ञान भैरव तंत्र के रूप मे पृचलित है, जिसमे ध्यान की अवस्था मे किस प्रकार चरम पर पहुंचा जा सकता है उसका वर्णन है, जो स्वयं आनन्द भैरव , आनन्द भैरवी को देते है। अर्थात् शिव- शक्ति के जागरण का सिध्दांत माता पार्वती को समझाते है।

अर्थात् आप यह कह सकते है कि , तंत्र का उद्देश्य मात्र जागृती है। किसी ऊर्जा की , किसी शक्ति की । किसी यंत्र पर, या स्वयं के भीतर। मंत्रो के द्वारा आवाहन करते हुए।
🙏🙏
ॐ 卐 शिवोअहम् 卐 ॐ
ज्योतिष,वास्तु समाधान केंद्र
ज्योतिर्वीद प. आयुष पंचोली (शिवदास)

©आयुष पंचोली यंत्र, तंत्र और मंत्र 
तीनो ही एक दुसरे से जुडे हुए है। तीनो को साथ लेकर ही, किसी ऊर्जा को जाग्रत किया जाता है।
जैसे की-
मंत्र- अर्थात् वह वाक्य जिनसे ऊर्जा का आवाहन, पूजन किया जाता है।
यंत्र- अर्थात् वह घेरा य वह वस्तु जिसपर ऊर्जा को स्थान दिया जाता है। पूजन मे बनने वाले मण्डल व स्थापित कलश भी यंत्र की श्रेणी मे ही आते है।
तंत्र- अर्थात् किसी ऊर्जा के आवाहन से लेकर, पूजन , अर्चन तक की पूर्ण प्रकिया तंत्र ही कहलाती है।

हा यह जरूर कह सकते है , की सात्विक पूजा पध्दति वैदिक तंत्र कहलाएगी।

यंत्र, तंत्र और मंत्र तीनो ही एक दुसरे से जुडे हुए है। तीनो को साथ लेकर ही, किसी ऊर्जा को जाग्रत किया जाता है। जैसे की- मंत्र- अर्थात् वह वाक्य जिनसे ऊर्जा का आवाहन, पूजन किया जाता है। यंत्र- अर्थात् वह घेरा य वह वस्तु जिसपर ऊर्जा को स्थान दिया जाता है। पूजन मे बनने वाले मण्डल व स्थापित कलश भी यंत्र की श्रेणी मे ही आते है। तंत्र- अर्थात् किसी ऊर्जा के आवाहन से लेकर, पूजन , अर्चन तक की पूर्ण प्रकिया तंत्र ही कहलाती है। हा यह जरूर कह सकते है , की सात्विक पूजा पध्दति वैदिक तंत्र कहलाएगी। #SunSet #विचार

10 Love

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आयुष पंचोली

अनगिनत घाव , अनगिनत धोके, अनगिनत ख्वाबो की कब्रो को दिल के किसी कौने मे समेटे।
जिये जा रहे हैं,
जिन्दगी मे अपनो का ही दिया जहर पीये जा रहे हैं।

©आयुष पंचोली अनगिनत घाव , अनगिनत धोके, अनगिनत ख्वाबो की कब्रो को दिल के किसी कौने मे समेटे।
जिये जा रहे हैं,
जिन्दगी मे अपनो का ही दिया जहर पीये जा रहे हैं।

©आयुष पंचोली 
©ayush_tanharaahi

#kuchaisehi

अनगिनत घाव , अनगिनत धोके, अनगिनत ख्वाबो की कब्रो को दिल के किसी कौने मे समेटे। जिये जा रहे हैं, जिन्दगी मे अपनो का ही दिया जहर पीये जा रहे हैं। ©आयुष पंचोली ©ayush_tanharaahi #kuchaisehi #अनुभव #seaside #ayushpancholi #hindimerijaan #mereprashnmerisoch

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आयुष पंचोली

शिकायतें भी उसी से होती हैं,जिसपर विश्वास खुद से ज्यादा होता हैं।
हर शख्स की जिन्दगी मे कोई खास उसके लिये सबकुछ होता हैं...!!❤

©आयुष पंचोली शिकायतें भी उसी से होती हैं,जिसपर विश्वास खुद से ज्यादा होता हैं।
हर शख्स की जिन्दगी मे कोई खास उसके लिये सबकुछ होता हैं...!!❤❤
©आयुष पंचोली 
©ayush_tanharaahi

#kuchaisehi 
#ayushpancholi
#hindimerijaan

शिकायतें भी उसी से होती हैं,जिसपर विश्वास खुद से ज्यादा होता हैं। हर शख्स की जिन्दगी मे कोई खास उसके लिये सबकुछ होता हैं...!!❤❤ ©आयुष पंचोली ©ayush_tanharaahi #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #Sunrise #शायरी

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आयुष पंचोली

कभी शब्दो मे बयां कर नही पाऊँगा उसको,
कितना करता हूँ प्रेम उससे कभी बताँ नही पाऊँगा उसको।
हर धड़कन मेरी अब उसके ही नाम होगी।
हम होंगे शरीर से दो, मगर रूह की हमारी एक ही पहचान होगी।
कोई वादा नही करूँगा उससे मैं, वादे टुट जाते हैं।
बस यही कहता हूं, अब जियुंगा सिर्फ उसकी खुशियों के लिये मैं, उसकी मुस्कुराहट ही मेरे लिये मेरे जीवन का आराम होगी।
बस कुछ दिन और हैं, हम दोनो के नाम की फिर एक ही पहचान होगी।
हमारी खुशियों की शुरुवात एक दूजे के साथ होगी।❤❤❤
❤love you ❤harshita❤ayush pancholi❤

©आयुष पंचोली

©आयुष पंचोली प्रेम एक पवित्र एहसास हैं, जो सीधे तौर पर भावनाओ और समर्पण से जुडा होता हैं। 
और जब यह प्रेम किसी के जीवन मे दस्तक देता हैं,तो स्वतः उसे बदल ही देता हैं। 
प्रेम मे व्यक्ति को कभी खुद का होश नही रहता। उसकी हर बात , हर चीज, हर खुशी की शुरुवात और वजह उसका प्रेम ही हो जाता हैं। शायद इसलिये प्रेम को सबसे अमुल्य बोला गया हैं।
मेरा जीवन चल रहा था, पर उसमे सदैव प्रेम की कमी थी। पर अब ऐसा लगता हैं, मेरा जीवन प्रेम के अधीन हो चुका हैं। 

हां जी सच कह रहा हूं।
अब मेरा कही मन ही नही लगता। हर पल, हर जगह बस उ

प्रेम एक पवित्र एहसास हैं, जो सीधे तौर पर भावनाओ और समर्पण से जुडा होता हैं। और जब यह प्रेम किसी के जीवन मे दस्तक देता हैं,तो स्वतः उसे बदल ही देता हैं। प्रेम मे व्यक्ति को कभी खुद का होश नही रहता। उसकी हर बात , हर चीज, हर खुशी की शुरुवात और वजह उसका प्रेम ही हो जाता हैं। शायद इसलिये प्रेम को सबसे अमुल्य बोला गया हैं। मेरा जीवन चल रहा था, पर उसमे सदैव प्रेम की कमी थी। पर अब ऐसा लगता हैं, मेरा जीवन प्रेम के अधीन हो चुका हैं। हां जी सच कह रहा हूं। अब मेरा कही मन ही नही लगता। हर पल, हर जगह बस उ #शायरी #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #myloveharshita

12 Love

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आयुष पंचोली

हां जी 
इश्क ही तो हुआ हैं हमे तुमसे,
हां वही वाला जो खुद से ज्यादा तुम्हारी फ़िक्र मे, हर पल शब्दो मे हमारे, हर जगह हर बातो मे हमारी , सिर्फ एहसास आपका ही कराता हैं....❤
सच कहुँ , अब आपके बिना एक पल भी जीया नही जाता हैं...❤

जानता हूं बस कुछ ही दिन बचे हैं, फिर हमारा हर एक पल एक दुसरे के साथ ही गुजरेगा। 
पर ये कुछ दिन ही बेचेनियाँ बहुत बड़ा रहे हैं।
हम खोते जा रहे हैं खुद को, और आपके होते जा रहे हैं।❤

©आयुष पंचोली हां जी 
इश्क ही तो हुआ हैं हमे तुमसे,
हां वही वाला जो खुद से ज्यादा तुम्हारी फ़िक्र मे, हर पल शब्दो मे हमारे, हर जगह हर बातो मे हमारी , सिर्फ एहसास आपका ही कराता हैं....❤
सच कहुँ , अब आपके बिना एक पल भी जीया नही जाता हैं...❤

जानता हूं बस कुछ ही दिन बचे हैं, फिर हमारा हर एक पल एक दुसरे के साथ ही गुजरेगा। 
पर ये कुछ दिन ही बेचेनियाँ बहुत बड़ा रहे हैं।
हम खोते जा रहे हैं खुद को, और आपके होते जा रहे हैं।❤

हां जी इश्क ही तो हुआ हैं हमे तुमसे, हां वही वाला जो खुद से ज्यादा तुम्हारी फ़िक्र मे, हर पल शब्दो मे हमारे, हर जगह हर बातो मे हमारी , सिर्फ एहसास आपका ही कराता हैं....❤ सच कहुँ , अब आपके बिना एक पल भी जीया नही जाता हैं...❤ जानता हूं बस कुछ ही दिन बचे हैं, फिर हमारा हर एक पल एक दुसरे के साथ ही गुजरेगा। पर ये कुछ दिन ही बेचेनियाँ बहुत बड़ा रहे हैं। हम खोते जा रहे हैं खुद को, और आपके होते जा रहे हैं।❤ #शायरी #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan

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आयुष पंचोली

❤❤❤❤❤❤❤❤❤
❤हर्षिता आयुष पंचोली❤
❤❤❤❤❤❤❤❤❤

©आयुष पंचोली मेरी इस बेजान सी,
उदासी के साथ बड़ती जिन्दगी मे,
एक मुस्कान बनके आई हो तुम....!!!
पता नही यह सपना हैं या हकीकत,
पर मेरी जान मेरी रूह की परछाई हो तुम....!!!

मैं जीना चाहता हूँ,
मेरे हर सपनो को तेरे सपनो के साथ जोड़,

मेरी इस बेजान सी, उदासी के साथ बड़ती जिन्दगी मे, एक मुस्कान बनके आई हो तुम....!!! पता नही यह सपना हैं या हकीकत, पर मेरी जान मेरी रूह की परछाई हो तुम....!!! मैं जीना चाहता हूँ, मेरे हर सपनो को तेरे सपनो के साथ जोड़, #कविता #MorningTea

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