तुम ❤️
कई दिनों से न देखा तुम्हे
तो आंखों में थकान अब भी बाकी है।
तुम्हारे लफ़्ज़ों से तो खिल उठा बसंत,
तुम्हे जी भर देखने का मुकाम अब भी बाकी है।।
मनु मिश्रा
तुम ❤️
कई दिनों से न देखा तुम्हे
तो आंखों में थकान अब भी बाकी है।
तुम्हारे लफ़्ज़ों से तो खिल उठा बसंत,
तुम्हे जी भर देखने का मुकाम अब भी बाकी है।।
मनु मिश्रा