चाँद का इतना सा कसुर है
नजरों के सामने,फिर भी दुर है..
चलो मानाकी ये दुनिआ की दस्तुर है
पर ये दर्द देना तो फितुर है...
तडप-ऐ दिल न पुछो हाल केसा है
हर रोज करता इन्तेजार जरुर है...
शाऐद मेरे इश्क़ में,सुरुर जरुर है
जो मेरे चाँद को इतना गरुर है... #कविता#nojotophoto