आज कुछ लिखा और बहुत कुछ मिटा दिया मैंने...
आज कुछ लिखा और बहुत कुछ मिटा दिया मैंने...
कुछ चेहरे याद आए आज और कितनो को भुला दिया मैंने...
कुछ ख़त मिले पुरानी किताबों में पड़े हुए...
कुछ को रखा संभाल कर कुछ को जला दिया मैंने...
आज कुछ लिखा और बहुत कुछ मिटा दिया मैंने...
आज तन्हाइयों को उठा कर अलमारी से रातो को सुला दिया मैंने दिया मैंने... #newpoetry#शाहरुख़_सैफी#Meri_shayri
आज कुछ लिखा और बहुत कुछ मिटा दिया मैंने...
आज कुछ लिखा और बहुत कुछ मिटा दिया मैंने...
कुछ चेहरे याद आए आज और कितनो को भुला दिया मैंने...
कुछ ख़त मिले पुरानी किताबों में पड़े हुए...
कुछ को रखा संभाल कर कुछ को जला दिया मैंने...
आज कुछ लिखा और बहुत कुछ मिटा दिया मैंने...
आज तन्हाइयों को उठा कर अलमारी से रातो को सुला दिया मैंने दिया मैंने... #newpoetry#शाहरुख़_सैफी#Meri_shayri