Nojoto: Largest Storytelling Platform
saradaprasannada2118
  • 31Stories
  • 61Followers
  • 233Love
    0Views

✍S_P_D

  • Popular
  • Latest
  • Video
33691feb9a2ac1d26c44392d812e8d7e

✍S_P_D

ତୁମ ପାଇଁ ପଦେ...

"ପ୍ରେମ ସତ୍ୟ ଓ ଚିରନ୍ତନ" 
ତୁମ ଠାରୁ ପାଇବା ଆଶାରେ ଲେଖେ
          ତୁମ ପାଇଁ ପଦେ ,
ମୁଁ ତୁମ ସେଇ ଅଭିମାନୀ ପ୍ରିୟା ....
ହୁଏତ ପରିଚିତ ଆମ ନୂଆ ନୂଆ 
ତୁମ ପ୍ରେମରେ ମତେ ସଜେଇଲ 
ଦେଇ ପୁଣି ମୋ ଆଞ୍ଜୁଲାରେ ପ୍ରୀତି ,
ସେଇ ଲୋଭ ପାଇଁ ଆଜି କରୁଛି ବିନତୀ ..
ମୋର କିଛି ଆଶା ପାରିବ କି ପୁରା କରି 
ଆମ ପାଇଁ କରିବ କି ଗୋଟେ ଦିନ ଖାଲି 
Digital ଦୁନିଆରୁ ବାହାରି...... 
ବିନା ଫୋନରେ ରହିବ ମୋ ସହ 
ପ୍ରେମର ବାର୍ତ୍ତାଲାପ କରି ।
ନେଇଯିବ ସେଇ ଦୂର ଦେଶେ  
ତୁମ ମୋ ଭିତରେ ପଶିବାକୁ କେହି  ନଥିବେ 
ଥିବ ଜ୍ୟୋସ୍ନା ରାତି ଆଉ ଥିବ ଶଶୀ 
ମୁଁ ଥିବି ବାହୁ ବନ୍ଧନରେ .....  
ମତେ କଫି ସପ୍ ନ ନେଇ 
ରାସ୍ତା କଡେ ଶୀତ ବେଳେ କପେ ଚା' ଦେଇ   
ହାତରେ କି ହାତ ଛନ୍ଦି 
ଚାଲିକି ପାରିବ ମୋ ସାଥେ
କୃଷ୍ଣ ଚୁଡ଼ା ଗଛର ଛାଇ ଆଉ ସେ ଜହ୍ନ ରାତିରେ ....
ପାଶ୍ଚାତ ସଭ୍ୟତା ଛାଡି
 ମୁଁ ଥିବି ଶାଢ଼ୀ ଆଢୁଆଳରେ..
ତୁମେ ଖୋଜି ନେବ
ସେଇ ସଦ୍ୟ ଲଜ୍ୟା କିଶୋରୀ
ଯିଏ ଥିବ ଖାଲି ପ୍ରତି ରାତି ତୁମ ଅପେକ୍ଷାରେ......
ମୁଁ ଚାହେଁନା ହନୀ ମୁନ୍ 
କାଶ୍ମୀର ବରଫାବୃତ ତଳେ 
ପାରିବକି  ତୁମେ କୁହ 
ପ୍ରତ୍ୟେକ ଦିନ ଫେରିଆସି 
ରାତ୍ରିର ଘଡ଼ିଏ କରିଦେବ ମୋରି ନାଁ ରେ .....
ଫେସବୁକ୍, ହ୍ୱାଟ୍ ସାପ୍ ଲୋଡା ନାହିଁ ମତେ 
ତୁମ ସ୍ମୃତି ମନେ ରହୁବୋଲି
ପାରିବକି ନିରୋଳା ରେ ବସି ସମୁଦ୍ର କୂଳରେ.....
କେବଳ ମୁଁ ଥିବି ତୁମ ସହ 
ଚନ୍ଦ୍ରାଲୋକ ସାଥିରେ....
ଯିବାପାଇଁ ଇଚ୍ଛା ନାହିଁ ମୋର ଥିଏଟର
ଦେବ ଯଦି ସମୟ ତ
ନିଶ୍ଚେ ଯିବି ତୁମ ପାଇଁ ପୂଜିବାକୁ 
 ହରଗୌରୀଙ୍କ ମନ୍ଦିର......
ଆଉ ଛୋଟ ଇଚ୍ଛା ଥିଲା ,  
କରିବ କି ପୁରା ମୋର ...
ନକିହିବା ଆଗରୁ ଏତିକି କରିବ
ମୁଁ ସଜେଇ ହେଲେ ପାଖେ ଥାଇ
ସ୍ନେହ ଭରେ ମଥାରେ ମୋ ଭରି ଦେବ ସିନ୍ଦୂର........
କଣ ଏସବୁ ପାରିବ ? 
ପ୍ରେମିକାରୁ ହେଇଯିବି ଘରଣୀ ତୁମର .....
     
                                                                                             ( ପ୍ରେମର ପୁରୁଷ ପାଖକୁ ପ୍ରୀତିର ଚିଠି )

©✍S_P_D

14 Love

33691feb9a2ac1d26c44392d812e8d7e

✍S_P_D

ମୁଁ  ମଧ୍ୟବିତ

ଦେଢ଼ଶ କୋଟି ର ଦେଶ ଆମର,
ଅର୍ଥନୀତି ରହେ ତିନି ଭାଗ ର,
ଉଚ୍ଚ ନିମ୍ନ ଆୟ ର ବର୍ଗ ସହିତ ଏକ ତୃତୀୟାଂଶ ମୁ ମଧ୍ୟବିତ।

ଉଚ୍ଚ ବର୍ଗ ରଖେ ଶାସନ କଳ,
ନିମ୍ନ ବର୍ଗ ଅଟଇ ଭୋଟ ବଳ,
ମୁଁ ମଧ୍ୟାବିତ କୋଉ କୁଲ କୁ ନୁହ,
ଯୁଆଡ଼େ ଯାଏଁ ମୁ ମୋଡ଼ଣ୍ଟି ମୁଁହ।

ଦୁନିଆଁ ରେ ଅଛି ଜେତକ ଋଣ,
ସବୁ ଗୁଡ଼ାକ ମୋର ଦରକାର ଜାଣ,
ଦରମା ରେ ମୋର ହାତ ଲାଗେନି,
ଋଣ କିସ୍ତି କଟି କିଛି ବଳେନି,
ମାସ ଆରମ୍ଭ ରୁ କରେ ମୁ ଋଣ,
ଋଣ ଜନ୍ତା ତା ରେ ଘୁରେ ଜୀବନ।

ସ୍ତ୍ରୀ ଫର୍ମାଇସ ପଡିଶା ଘର କୁ ଦେଖି,
ଦେଇ ନ ପାରିଲେ ନାଲିଆ ଆଖି,
ପିଲାଙ୍କ ପଢା ଟାଣେ ପଇସା,
ମାଧ୍ୟାବିତ ମୁହିଁ ମାରକ ଦଶା।

ସରକାରଙ୍କର ଯେତେ ଟିକସ,
ଦେଇ ଦେଇ ମୋ ଅବସ୍ଥା ଶେଷ,
ସହର ରେ ରହେ ଭଡ଼ା ଘରଟି,
ଘର କରିବାକୁ ସପନ ଗୋଟି।

ଆସିଗଲେ କିଛି ପୁନେଇ ପର୍ବ,
ଅବା କିଛି ମାଙ୍ଗଳିକ ଉଛବ,
ହାତ ଉଦ୍ଧରୀ କି ଶୁଦ୍ଧିଆ ସାହା,
ଫୁଣି ମନେ ଭାବେ କାହିଁ ହେଲିତ ବାହା।

ଗାଆଁ ରେ ଭାବନ୍ତି ବଡ଼ ବାବୁଟା,
ଦେଇ ନପାରିଲେ କି ହଟହଟା,
ଶୋଇଲା ବେଳେ ମୁହିଁ କାଶଇ ଅଙ୍କ,
ଆଜି ଚାଲିଗଲେ କାଲି କି ଦେଖ।

ମନ ଶାନ୍ତି ପାଇଁ ପୂଜା ପାଠର,
ପୂଜକ ପଚାରେ ଜାତି ଗୋତର,
ହସି ଦେଇ କହେ ମୁ ମଧ୍ୟବିତ,
ନାକ ଛିଞ୍ଚାଡି ନନା ପଢେନି ମନ୍ତ୍ର।

ଖଟି ଖଟି କରି ମୋର ଛଡଇ ପ୍ରାଣ,
ମାଲିକ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହୁଏନି ଜାଣ,
ଘାରକୁ ନୁହେଁ ମୁ କାମ କୁ ନୁହେଁ,
ଭାବି ଭାବି ମୁ ନିତି ପଷ୍ଟାଏ।

ମଧ୍ୟବିତ ଅଟେ ଅଜଗା ଘାଆ,
ଜଣା ପଡ଼େ ନାହିଁ ଭିତର ଫମ୍ପା,
ଭିତରେ ଗଚ୍ଛିତ କଷ୍ଟ ବୋହୁତ,
ବାହାର ଲୋକଙ୍କୁ ଦାନ୍ତ ଦେଖାଏ,

ଭାଗ୍ୟ ଦୋଷେ ମୁ ହେଲି ମଧ୍ୟବିତ,
ହିନସ୍ଥା ହବା ଟା ମୋ ଜନ୍ମ ଗତ,
ଠାକୁର ଙ୍କୁ ମୋର ଶତ ମୁଣ୍ଡିଆ,
ରକ୍ଷା କର ମଧ୍ୟବିତ ଦୁନିଆଁ,
ରକ୍ଷା କର ମଧ୍ୟବିତ ଦୁନିଆଁ।

©✍S_P_D

27 Views

33691feb9a2ac1d26c44392d812e8d7e

✍S_P_D

रक्षाबंधन

भाई बहन के शाश्वत प्रेम का, 
है यह एक अनुपम त्योहार,
चला आ रहा सदियों से, 
परंपरागत एक व्यवहार,
है अनेक गाथाएँ इस पावन राखी से जुड़ी हुई,
और अतीत से वर्तमान तक, 
व्यापक परास लिए खड़ी हुई।
सुना है पोरस की पत्नी ने, 
सिकंदर को राखी बांधा था,
और अपने सुहाग की रक्षा, 
इसी रक्षा-सूत्र से साधा था,
ले थाली में अक्षत चन्दन, 
तिलक लगा करती अभिनन्दन,
बाँध कलाई पर राखी को, 
आरती उतार करती करती है वंदन,
लाख वर्ष जीने की कामना करती और देती आशीष,
और भाई बहना को देता, 
वचन सुरक्षा का वख्शीश,
है बंधन यह उदगार हृदय का, 
उमड़ घुमड़ कर प्यार हृदय का,
होता इससे मनुहार हृदय का, 
बहना का उपहार ह्रदय का,
हो जाती है स्मृतियाँ ताज़ी,
बचपन की जो थी आजादी,
चुहल-चिकोटी नखरेबाजी, 
कान अमेठ शिकवे करना भी,
दूर क्यों न भाई बहन खास है,
राखी पास का एक एहसास है।
महज न धागा यह राखी है,
भ्रातृभाव का यह साखी है,
इन्तजार रहता भाई को,
बहन के भेजे इस राखी का,
सावन मास के पूर्णमासी का,
एक अनमोल गहने राखी का,
पूछो उस बहना से जिसने, 
अरमानों के थाल सजाये,
और भाई के आने की राह में 
पलक पावड़े रही बिछाए...

©✍S_P_D #RakshaBandhan2021
33691feb9a2ac1d26c44392d812e8d7e

✍S_P_D

फिर से शिव आ जाओ

रावण तो है सब यहां,
कोई सगिर्ध नहीं तुम्हारा,
भांग तो यहां सबने खाया,
आरे लगते हैं अवारा,
डूबरहे हैं सब अंधकार में,
आके हमें बचाओ,
आरे फिर से शिव आ जाओ,
फिर से शिव आ जाओ...। 

अघोरी तो है सब यहां,
कोई भक्त नहीं तुम्हारा,
बभूत मले दिन रात बदन पे,
करे पाखंड वो सारा,
बिश फैला है हर तरफ,
अब आके तुम पी जाओ,
आरे फिर से शिव आ जाओं,
फिर से शिव आ जाओ...। 

गणेश तो है सब यहां,
कोई पुत्र नहीं तुम्हारा,
चक्कर काटे उस कैलाश के,
जहां दिखे धन सारा,
सारी नदियां गंदी होग्यी,
कोई और भी गंगा बाहा हो,
आरे फिर से शिव आ जाओं,
फिर से शिव आ जाओ...। 

नंदी तो है सब यहां,
कोई सेवक नहीं तुम्हारा,
दिखता है जो सोमवार को,
वो लूटे चढ़ावा तुम्हारा,
डरता नहीं कोई पाप करने से,
महाकाल बन जाओ 
आरे फिर से शिव आ जाओं,
फिर से शिव आ जाओ...।

©✍S_P_D

6 Love

33691feb9a2ac1d26c44392d812e8d7e

✍S_P_D

Gunj raha tha 'Har Har Mahadev' aasmano me,
Wo baitha tha dhuni lagaye samshano me..
Bhoot pret the sangi sathi ,
Paap punye ki lagi samadhi,
Dharti kapi, ambr dola,
Naachha jab damroo par bhola,
Teen aankh me teen lok the,
Tandav dekh darre log the,
Brahma, Vishnu kar jod khade,
Krodh dekh chinta me pade,
Bhasham rami thi,
Bhaang chadhi thi ,
Galle me kaali naag padi thi,
Ghar bassaya tha ussne veeraano me,
Gunj raha tha 'Har Har Mahadev' aasmano me,
Wo baitha tha dhuni lagaye samshano me..
Shiv sambhu Sankar Kailashi,
Sabka rakshak ek vinashi,
Tap se shakti, vairaag ki Bhakkti,
Sab se prem Sab se mukti,
Jhata me bassi thi Gange maayi,
Aankh khol kar dharti hilati,
Haddiyo ki mala,
Zeher Ka pyaala,
Samaye se bada so matwala,
Raavan Raam ek Saman,
Uski Mahima aprampar,
Bhaang pee soya tha,
Uttha phir jamano me,
Gunj raha tha 'Har Har Mahadev' aasmano me,
Wo baitha tha dhuni lagaye samshano me..
Parvatraj, Chandrasekhar,
Ussi par khatam ussi se lekar,
Dharti beechona Kailash tha seena,
Neelkanth se zeher tha peena,
Sun damroo ki dum-dum,
Bol bhole ki bum-bum,
Devo Ka bhi Dev hai,
Naam jiska Mahadev' hai,
Dakshputri Kailash rani hui,
Mahadev' ki deewani hui,
Likhde naam, SP, uska deewano me,
Gunj raha tha 'Har Har Mahadev' aasmano me,
Wo baitha tha dhuni lagaye samshano me...

©✍S_P_D

11 Love

33691feb9a2ac1d26c44392d812e8d7e

✍S_P_D

BACHPAN

Zindegi ke sabse haseen pal bachpan,
Pata nehi kaha kho gye woh din bachpan ke jawani aate aate, 
Kash phir se mil jaaye woh bachpan ke din, 
Woh dhul miti me khelna dosto ke saath,
Na padhai ka stress Na hi career ka tension,
Kash phir se mil jae mummy ke goud sone ke liye, 
Aur papa ke kandhe ghumne ke liye,
Pata nehi kaha chale gye woh din jab hum sone ke liye rote the,
Aur pata nehi kab aagye ye din jawani ke jab hum rone ke liye sote hai, 
Woh bachpan ke din bhi Kya din the,
Jab humare khilona toot jaane se hum
ro-ro ke saare ghar ko pure sar pe utha lete the,
Aur ye jawani ke din bhi kya din hai,
Jab humare dil toot jaate hai, 
Aur ek boond aansu bhi nehi tapakta,
Pata nehi kaha chale gye woh bachpan ke maasumiyat aur bholapan, 
Kaha chale gye zindegi ke woh haseen lamhe, 
Jab hum aapna tri-cycle se world tour ka Sapna dekte the,
Kash phir se mil jae woh din bachpan ke, 
Kash phir se lout aaye woh pahela din school ke 
Jab mein mummy ko chhod ke,
School jaane se  ghabrata tha, 
Aur mummy papa chocolates ka laalach de kar, 
School pe chhod aaya karte the, 
Kaha gye woh pal bachpan ke, 
Jab humare dil pe na kisi ko paane ka chahat tha na hi kisiko khone ka dar,
Kab chale gye woh din humare zindegi ke, 
Jab hum bina soche samjhe sachhe dil se har kisi se dosti karte the 
Aur aaj jawaani me aakar, 
Har kisi se dosti karne ke liye kuch na kuch waja chahiye, Kash khuda phir se louta de hume woh pal bachpan ke,
Jis pal me hum fir se khele ,kude shor machae,
Aur thak ke aake mummy ke goud pe so have,
Kash  ye qhwaish sach ho pata, 
Kash waqt ke gaadi reverse gear pe chal pata,
Toh sayad kuch bachpan ke galtiyaan sahi kar pata,
Aur bhatke hue jawaani ko sahi track pe le pata...

"I ALWAY MISS MY CHILDHOOD DAYS"

©✍S_P_D #Light

9 Love

33691feb9a2ac1d26c44392d812e8d7e

✍S_P_D

क्या वो इश्क़ था....?

कियुं की जो नज़रें मेरा रस्ता देखा करती थी,
मुझे ही देख कर जीती मरती थी,
आज वोही नज़रें किसी और की नज़र मे देख कर पयार की इज़्हार कररही है,
तो क्या वो इश्क़ था..?

जो जिस्म मेरे बाहो मे आने को तरस्ता था,
मेरा ज़रा सा दांत देने पर उसके आंख से बादल सा बरस्ता था,
आज वो ही जिस्म किसी और की बाहो मे है,
और आज भी हम उससे भूले नही है,
कियुं की आज भी वो चेहरा मेरे निघाओं मे है,
तो क्या वो इश्क़ था...?

कियुं की कभी जो आवाज मेझे जगाने, हसाने, मनाने के लिये निकलती थी,
ह मुझे ये भी याद है तुम ही मुझे मनाती थी चाहे मेरि गलती थी,
आज वोही आवाज किसी और को सताने के लिये निकलती है।
तो क्या वो इश्क़ था.. ?

कियुं की कभी जो पलके की सवेरा नही होता था,
जब तक वो हमार दीदार नही करती थी,
कहिं उसकी जरा जरा सी नादानीयो से तंग आकर उस्से छोड ना दूं,
इस बात को लेकर हर पल डर्टी थी,
आज उसकी हर सुभा की वजा सूरज की कुछ किरने और किसी और सक्ष का चेरेरा बनग्या है,
तो क्या वो इश्क़ था....?

कियुं की कभी तुम मेरे बाहो मे बाहे दाल के मेरे बाइक के पिछ्ली सीट पे बेठा करती थी,
मेरे कन्धे पर तेरा सर होता था,
और तेज़ हावाये तेरे जुल्फो को चूं कर गुज़रती थी,
पर नाजाने कियुं आज हावा के वजे तुम आपने रुख मोद लिया,
तो क्या वो इश्क़ था...?

तेरे online होने पर भी,
तेरे जब्वाब ना देने पर ये समज कर मे पल पल मरराहा था ,
कही तुम किसी और की तो नही होने जारही हो ?
इस बात को लेकर हर पल दरराहा था,
ह ये इश्क़ ही तो था।

अब दिल महफ़िलो से डरने लग्ग्या है,
आंखे किसी और से मिलने से पहले ही पीछे हटती है,
खुदा तुझे भी एक दिन ऐसे दिखाए 
कियुं की तुझे भी तो पता चले भीगे हुए तकिये पट रात कैसे कट्टी है।

कैसे छुप छुप कर रोया जाता है,
कौसे पलको के साथ साथ हातो को भी भिगोया जाता है,
तुझे इतना पयार करने के बाद भी,
तुझे तडपाने के बारे मे सोच कर आन्क्गे भर तो आती है,
लेकिन मे भी क्या करूं जाहं इतना मोहब्बत होती है,
उंहा हद से ज्यादा नफरत हो ही जाती है..।

©✍S_P_D #HappyRoseDay
33691feb9a2ac1d26c44392d812e8d7e

✍S_P_D

SOCIAL MEDIA का बुखार..



"चडरहा है social media का बुखार,
कियुं हम भुलरहे है खुद से करना प्यार।
.
हमरी दुनिया होरही है digital,
याद आते है वोह पुराने पल।
.
कभी हातो की सान होता ता हमरे bat,
आज अगर दिख जाए तो आजाता है snapchat।
.
कभी साथ मिलकर बांटा करते थे सारे सुख दुख,
आज काल बस दिख जाते है on facebook।
.
चडरहा है social media का बुखार,
कियुं हम भुलरहे है खुद से करना प्यार।"

×××××××××××××××××××××××××

"लगता है social media से कुच गहरा ही हमार नाता है,
जो आज काल खाना पेट से पहले social media मे चले जाता है।
.
Memes पे tag करते है एक दुसरे को भले ही आपस पे करे या नाकारे ,
रोज़ रात को माथा टेक लेते है facebook पे भले ही भगवान को याद करे ये नाकरे।
.
Social media पे देख कर लगरहा है दुनिया मे कोई दुख हे ही नही,
मा को facebook पे wish करदिया HAPPY MOTHER'S DAY जब की मा तो facebook पे हे ही नही।
.
चडरहा है social media का बुखार,
कियुं हम भुलरहे है खुद से करना प्यार।"

××××××××××××××××××××××××××××××

"रखना कुच नही पर चाहिये हमे tommy की bags,
आखिर use जो करनी है हमे सब hashtags।
.
Online दुनिया चुचरही हे हमारा खून,
और हम खुश हुए थे prisma पे बनाके आपना ही cartoon।
.
हम छुपरहे हे instagrams की filter मे ,
वोह देखो पयार मिलरहा हे tindor पे।
.
चडरहा है social media का बुखार,
कियुं हम भुलरहे है खुद से करना प्यार।
.
ए पथर के इन्सान तुम कब पिघ्लोगे,
इस बनावट की दुनिया से बाहार कब निक्लोगे।"

©✍S_P_D

10 Love

33691feb9a2ac1d26c44392d812e8d7e

✍S_P_D

Woh Baarish me kya bheegi,
Saari baarish saraab hogyi...
Pahele aati thi neend hume sukoon ki,
Jab se usse dekha ek AADAT kharaaf hogyi.....

©✍S_P_D #Darknight
33691feb9a2ac1d26c44392d812e8d7e

✍S_P_D

बन जाओ प्रतिरूप श्रीराम जैसा.....

एक तरफ राज्य था..तो एक तरफ मा थी,
चाहते तो बन जाते राजा फिक्र उन्हें कहां थी,
चौड़ा साल का बनवास..कोई दिनों माहिनो का खेल नेही,
मगर मा की खुसी के आगे उनके खुसी कहां थी,
निकल पड़े बचन निभाने ना जानते हुए,
इस बचन के मंजिल कहाँ थी,
क्या बाँसक्ते हो तुम भी बेटा ऐसा,
बन जाओ जिससे प्रतिरूप श्रीराम जैसे...।

न्योछाबर किया आपना सब कुछ जिसके वो हक़दार थे,
सियासत छोड़ी ताजपोसी छोड़ी वचन के प्रति इतने वफादार थे,
भाईचारे की इस मिसाल ने इतिहास ही रच दिया,
इस रिस्ते का कोई मोल नेही ये भारत ने भी सच किया,
भाई भाई की लड़ाई भुलाकर क्या बन सकते हो तुम भाई ऐसा,
बन जाओ जिससे तुम प्रतिरूप श्रीराम जैसा..।

वो राम ही थे जिसने सीता को इतना प्रेम किया,
साथ समुंदर पार किया राबण का भी संहार किया,
बलशाली इतने हो कर भी सीता के लिए आंसू निकले,
प्रेम बंधन की एक उदाहरण राम ने भी पेस किया,
क्या बन सकते हो तुम भी प्रेमी ऐसा,
बन जाओ जिससे तुम प्रतिरूप श्रीराम जैसा..।

एक एक बेर चख कर लाई सबरी भी बिल्कुल नादान थी,
कैसे खाएंगे राम इन बेरो को इस बात से वो भी अनजान थी,
राम ने भी ना संकोच किया ना जूठन से कोई घृणा किया,
जूठा खाने से कोई छोटा निहि होता इस बात का भी प्रमाण दिया,
क्या तुम में है इस छोटी सोच को निकालने का गुमान ऐसा ,
बन जाओ जिससे तुम प्रतिरूप श्रीराम जैसा..।

भगवान जैसा पूजते थे श्रीराम को हनुमान जी,
श्रीराम ने उन्हें दोस्त का दर्जा दिया और दिया उन्हें सन्मान भी,
आज दोस्त तो सबके है क्या एक से भी दोस्ती निभा पाओगे ऐसा,
हॄदय में अपनी छबि बसा सको क्या बन पाओगे दोस्त ऐसा,
बन जाओ जिससे तुम प्रतिरूप श्रीराम जैसा..।

पापी कोई एक ना था पापी थे कही हज़ार,
एक एक का नाश किया जो थे दुष्कर्मी और दुराचारी,
बाहर ना सही क्या मार पाओगे आपने भीतर छुपी पापी को,
एक कोसिस की राम ने क्या खत्म कर सकोगे अंदर की राबण को,
क्या बन सकते हो नासक ऐसा,
बन जाओ जिससे तुम प्रतिरूप श्रीराम जैसा..।

संयम और संगर्ष की एक मिसाल बन गए राम,
चाहे बचन का पालन किया या किया बनवास का आगाज़,
मां सीता की खोज की या किया बुराई का नाश,
सब कुछ किया संयम संगर्ष और मर्यादा के साथ,
तब जाकर कहलाए वो मर्यादा पुरुषोत्तम राम,
क्या रख सकते हो तुम भी संयम और कर सकते हो काम ऐसा,
बन जाओ जिससे तुम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जैसा...।"

10 Love

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile