"नन्ही नन्ही आंखें जब खाेली थी, एक नया संसार पाया
खुशियाें का संसार था वाे , जिसमें मैनें जन्म पाया
तभी ताे कहती हूँ, मैनें दुनिया का बेहतरीन परिवार
पाया
मुख से जब पहले माँ शब्द आया, माँ का मन फुले ना समाया
नयनों में प्यार भर आया ,तृप्ति का रस कण कण में समाया
तभी तो कहती हूँ ,मैनें दुनिया का बेहतरीन परिवार है पाया |
नन्हे नन्हे पैरों से चलना सिखाया ,मेरे ख्वाबाें काे सच कर दिखाया
मेरे सपनाें का महल सजाया,पिता के रुप में मैनें भगवान को पाया
तभी तो कहती हूँ ,मैनें दुनिया का बेहतरीन परिवार है पाया |
नानी दादी की कहानियों ने लुभाया ,नाना दादा ने कांधाें पर है खिलाया
भाई बहनाें का प्यार बहुत पाया ,इसी में मेरा बचपन है समाया
तभी ताे कहती हूँ , मैंने दुनिया का बेहतरीन परिवार है पाया |"