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drdeepnmauryaiit1375
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Deep isq Shayri #lover

Hi my self Deep N maurya MSC chem csir jrf /NET , Research scholar iitdelhi I love poetry gazal shayri and I m also writer please support us for my randem lines insta I'd deep N maurya

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Deep isq Shayri #lover

White सज़ा हैं बूथ  उपवन सा युवा मतदाता आए हैं.....
बनाने भाग्य  भारत का नये निर्माता आये हैं....
हरा हो वृक्ष  रुपी लोक का ये तंत्र दुनिया मे, 
इसी हित वोट करने भारत भाग्य विधाता आये है.....
खुशियो से  हो भरा ,ये    स्वर्ग  सी धरा 
वोट रूपी जल ले के अन्न दाता आये हैं...
समता का हो फैलाव , ना किसी में हो दुर्भाव 
धर्म जाति भूल कर ,मई की गर्मी कूल कर    लोकतन्त्र अब सजाने बहन भ्राता आये हैं

©Deep isq  Shayri #lover
  #VoteForIndia
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Deep isq Shayri #lover

White माँ धरती के पावन तन को, हरे भरे अनुपम उपवन को......
गंग सरिश् जल कल जीवन को,  दूर तलक फैले वन जन को....
मानव तुम उद्धार करो,  ख़ुद पर भी उपकार करो.......
प्रकृति के ताकत पहचानो,  धरती सब कुछ मर्म ये जानो .....
वन संरक्षण के वादों को सरकारे साकार करे.....
सभी मनुज अब आगे बढ़ कर नद नदियों को साफ़ करे......
आने वाली पीढी के हित निज  स्वार्थ का  त्याग करे.....

©Deep isq  Shayri #lover
  #City #dharti
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Deep isq Shayri #lover

White हर बार हार कर भी जो जीता जरूर हैं...
अपमान घूंट  का वो पीता जरूर हैं...
जीवन के दौड़ में जो बनते हैं लोमड़ी, वो भूलते है राह में चीता जरूर हैं....
हिम्मत से काम लेके,  जो दिखता हैं शांत सा उस वीर ने हर बार पीटा गुरूर है.....
# Deep lines #by ❤

©Deep isq  Shayri #lover
  #Couple
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Deep isq Shayri #lover

दलबदलू  सरकार चलाते, लोकतन्त्र की जीत बतातें.....
जनता व्याकुल महगाई से,  नेता सबकुछ ठीक बतातें.......
युवक-युवतियों से पूछो उनके भविष्य की बातें.....
कुछ पैसे में बिकती हैं सरकारों की जज्बाते....
अब विकास की बात ना होतीं, 
धर्म से आगे बात ना होतीं......
मौका  आया लोकतन्त्र में करो भ्रष्ट  पर चोट
घर से निकल के भाई बहनों  डालो अपने वोट......
भारत भाग्य विधाता हो तुम,  लोकतन्त्र के चिर उन्नायक संवैधानिक मतदाता हो तुम...


घर nikal

©Deep isq  Shayri #lover
  #Vote
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Deep isq Shayri #lover

White रहेगें मिल के सभी,  दिलों में हो ये जिद मुबारक.....
वतन  के तरक्की और खुशियो कि तहज़ीब मुबारक.....
नफ़रत पे हो रहीं मोहब्बत की जीत मुबारक.....
कहते हैं दिल से हम सभी को ईद मुबारक....

©Deep isq  Shayri #lover
  #eidmubarak
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Deep isq Shayri #lover

# बदले हैं क्या हालात सभी नोट कीजिए....
ताकत मिली है आपको,  फिर चोट कीजिए......
घर से निकल कर आप सभी वोट कीजिए......
पाँच साल आपका हो खुशियो से भरा,  ऐसे ही नेता को चुन के 
वोट दीजिए.......
गिरगिटी अपराधियों पे अब लगे लगाम माँ भारती के अंचल को ना खोट कीजिए.....# sveep India #meerut #by deep n मौर्य

©Deep isq  Shayri #lover
  #sveep#eci#meerut

sveepecimeerut

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Deep isq Shayri #lover

मैं भूलाऊ कैसे तेरी तस्वीर को... 
दिल में चुभते  हुए  विष भरे तीर को...
हमनें माना जिसे दिल का साथी कभी, 
उसने ताज़ा किया मेरे हर पीर को......
देख गिरगिट भी तुमको सलामी करें, 
तेरे अंदाज़ को तेरे तस्वीर को...... 
हो सका ना मुक्कमल............

©Deep isq  Shayri #lover
  #truecolors
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Deep isq Shayri #lover

गीत फागुन के मिलकर के गायेगे हम....
सारे शिकवे गिले को भुलाएंगे हम.......

©Deep isq  Shayri #lover
  #holikadahan
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Deep isq Shayri #lover

हार भी है, जीत भी है
पीर भी है, प्रीत भी है
अनवरत इक शोर भी है
आपदा घनघोर भी है
किन्तु अन्तस् में अमर आह्लाद जीवित है
होलिका की गोद में प्रह्लाद जीवित है

मानता हूँ उत्सवों का दौर थोड़ा कम हुआ है
आंधियों से आम्रवन का बौर थोड़ा कम हुआ है
किन्तु कलरव ने चहकने की प्रथा त्यागी नहीं है
मांगलिक वेला अभी सब हार कर भागी नहीं है
कोयलों का आम से संवाद जीवित है
होलिका की गोद में प्रह्लाद जीवित है

दृष्टि की सीमा तलक अनजान वीराना पड़ा है
कान के उस पार सीमाहीन सन्नाटा खड़ा है
किन्तु हाथों पर तनिक रंगीन-सा एहसास भी है
‘पीर का भी अंत होगा’ -एक ये उल्लास भी है
मौन का आनंद अंतर्नाद जीवित है
होलिका की गोद में प्रह्लाद जीवित है

धीर टूटेगा लखन की चेतना को लुप्त पाकर
मन विकल होगा किसी अभिमन्यु को समिधा बनाकर
किन्तु द्रोणाचल किसी संजीवनी को जन्म देगा
शौर्य को अमरत्व युग-युग तक समूचा धर्म देगा
सत्य का यश मौत के भी बाद जीवित है
होलिका की गोद में प्रह्लाद जीवित है

© चिराग़ जैन

©Deep isq  Shayri #lover
  #holikadahan  by चिराग jain

#holikadahan by चिराग jain #lover #कविता

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Deep isq Shayri #lover

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