जहां से परे
क्यूँ नहीं हैं एक जहां
हो जहा ना कोई हमारा ना हम किसी के
अकेले बैठ खो जाते हम खुद में
ना किसी को पाने की खुशी और ना ही किसी को
हो खोने का डर
जहा अकेले बीत जाती उमर ये सारी
✨ #Shayari
तुम हीं सुकून तुम हीं सहारा तुम बीन न कोई हमारा ..🌻 हे सुखदाता मंगलकारी विनती सुन अब हमारी 🌿 सर पे रहे सदा हाथ तुम्हारा 🌺 और ना हैं कोई दुजी इच्छा हमारी #Poetry