जीवनं कश्चित् नाटकम् तस्मिन् लगु नटकोऽहम् । वायुना नीता वाणीव सञ्चराम्येतस्मिन् मीरे ॥ ******************* लाख दावे कर रहें हो तुम उसे भुला देने के पर तेरी आँखों में उसके लिए लगाव दिख रहा है. सच जानती है दुनिया फिर भी छुपा रहे हो , जाने किसका ये तुम पर दबाव दिख रहा है तुम कहते हो की खुश हो बगैर उसके जिंदगी में फिर ये चेहरे पर तुम्हारे कैसा तनाव दिख रहा है😁😁🌹 *********************************************
RJ.Sharma
1 Bookings
RJ.Sharma
9 Bookings
RJ.Sharma
0 Bookings
RJ.Sharma
13 Bookings
RJ.Sharma
3 Bookings