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kundankumar2844
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अपनी कलम से

अपने जज़्बातों को समेट कर, शब्दों में सजा लेता हूँ। लिखता हूँ शौक से और पढ़ने वालों को, भरपूर मज़ा देता हूँ।। #bihari #boy #instagram👉 @aajaayaar

https://www.instagram.com/aajaayaar

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अपनी कलम से

उलझने थी कह रही, कुन्दन सी शाम से,
देख इस मंजर को, मुस्कुरा तू आराम से।

सुकून मिलेगा तुम्हें, जब भी देखे तू इसे,
इस शाम की गलियारों में, हर रोज़ है सूरज डूबे।

सोच कभी इस सूरज को, दर्द कितना होता होगा?
सोच कभी अंधियारे ने, जब रोज इसे डुबोता होगा।

न दर्द की तालीम दे तू, कभी ढूंढ तू न दवा मिले,
बस देख इस मंज़र को, मुस्कुरा तू आराम से।।



@dashing_raaz
-अपनी कलम से -

©dashing raaz उलझने थी कह रही, कुन्दन सी शाम से,
देख इस मंजर को, मुस्कुरा तू आराम से।

सुकून मिलेगा तुम्हें, जब भी देखे तू इसे,
इस शाम की गलियारों में, हर रोज़ है सूरज डूबे।

सोच कभी इस सूरज को, दर्द कितना होता होगा?
सोच कभी अंधियारे ने, हर रोज इसे डुबोता होगा।

उलझने थी कह रही, कुन्दन सी शाम से, देख इस मंजर को, मुस्कुरा तू आराम से। सुकून मिलेगा तुम्हें, जब भी देखे तू इसे, इस शाम की गलियारों में, हर रोज़ है सूरज डूबे। सोच कभी इस सूरज को, दर्द कितना होता होगा? सोच कभी अंधियारे ने, हर रोज इसे डुबोता होगा। #Instagram #SunSet #Hindi #poem #nojotohindi #जानकारी

15 Love

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अपनी कलम से

कभी देख इस सन्नाटे को, 
उजाला भी नज़र आएगा,
भूल मत इंसान है तू, 
फिर क्यूं न मात खाएगा,
राही बन, बस चलता जा,
रास्ता भी नज़र आएगा,
मंजिलें भले हीं कोसों दूर हो,
एक न एक दिन, पहुंच हीं जायेगा।

गर गिरे, रख हिम्मत,
उठ फिर से खड़ा हो जाएगा,
गर भटक गए, डर मत,
तेरा हौसला हीं, राह दिखायेगा,
ज़िंदगी नाम है जिसका दोस्त,
इक पहेली है,
अक्सर हीं तुझे उलझाएगा,
संभाल ख़ुद को, 
वक्त का कर इंतज़ार,
सुलझता तुझको देखकर,
ख़ुद हीं सुलझ जाएगा।।

©dashing raaz कभी देख इस सन्नाटे को, 
उजाला भी नज़र आएगा,
भूल मत इंसान है तू, 
फिर क्यूं न मात खाएगा,
राही बन, बस चलता जा,
रास्ता भी नज़र आएगा,
मंजिलें भले हीं कोसों दूर हो,
एक न एक दिन, पहुंच हीं जायेगा।

कभी देख इस सन्नाटे को, उजाला भी नज़र आएगा, भूल मत इंसान है तू, फिर क्यूं न मात खाएगा, राही बन, बस चलता जा, रास्ता भी नज़र आएगा, मंजिलें भले हीं कोसों दूर हो, एक न एक दिन, पहुंच हीं जायेगा। #Light #Motivational #Dark #motivate #ज़िन्दगी

20 Love

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अपनी कलम से

खुदा करे कि जो मैं चाहूं, वो हंसी लम्हा मिले,
बस वो दिखे सामने मेरे, मेरा रब मुझे जहां मिले।
हंसते हुए हर पल गुजरे, जो भी उसके साथ हो,
देख उसे मैं जी सा जाऊं, ऐसी हीं खुशियां मिले।।

गम मेरा वो छीन ले, जब भी उसके पास आऊं,
देख मुझे वो देखते जाए, जब भी मैं मुस्कुराऊं।
साथ हूं मैं जब भी उसके, वो लम्हा जन्नत सा लगे,
ऐ खुदा उस लम्हें में, मेरा यार मन्नत सा लगे।।

मुस्काए वो देख मुझे, कभी देख उसे मैं मुस्काऊं,
उनकी नज़रे जो देखे कभी, सामने मैं भी शरमाऊं।
मुस्कुराहटें देख उनकी, वो मंज़र हंसता सा लगे,
जिस मंज़र में वो मिले, ढलते शाम सा लगे।।

साथ हूं मैं जब भी उसके, वो लम्हा जन्नत सा लगे,
ऐ खुदा उस लम्हें में, मेरा यार मन्नत सा लगे।।

@dashing_raaz

©dashing raaz खुदा करे कि जो मैं चाहूं, वो हंसी लम्हा मिले,
बस वो दिखे सामने मेरे, मेरा रब मुझे जहां मिले।
हंसते हुए हर पल गुजरे, जो भी उसके साथ हो,
देख उसे मैं जी सा जाऊं, ऐसी हीं खुशियां मिले।।

गम मेरा वो छीन ले, जब भी उसके पास आऊं,
देख मुझे वो देखते जाए, जब भी मैं मुस्कुराऊं।
साथ हूं मैं जब भी उसके, वो लम्हा जन्नत सा लगे,

खुदा करे कि जो मैं चाहूं, वो हंसी लम्हा मिले, बस वो दिखे सामने मेरे, मेरा रब मुझे जहां मिले। हंसते हुए हर पल गुजरे, जो भी उसके साथ हो, देख उसे मैं जी सा जाऊं, ऐसी हीं खुशियां मिले।। गम मेरा वो छीन ले, जब भी उसके पास आऊं, देख मुझे वो देखते जाए, जब भी मैं मुस्कुराऊं। साथ हूं मैं जब भी उसके, वो लम्हा जन्नत सा लगे, #Feeling #Romantic #romance #lyrics #लव #MusicLove

60 Love

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अपनी कलम से

सुलझते तो हैं, पर बड़ी मशक्कत से,
अक्सर हीं,
जो धागे उलझ जाया करते हैं।।


@dashing_raaz

©dashing raaz सुलझते तो हैं, पर बड़ी मशक्कत से,
अक्सर हीं,
जो धागे उलझ जाया करते हैं।।


@dashing_raaz

#confused #motivation #life #sad #love CHOUDHARY HARDIN KUKNA Satyendra Kharwar Ankita Mishra Rakesh Srivastava Dr vivek Bindra Motivational Speaker

सुलझते तो हैं, पर बड़ी मशक्कत से, अक्सर हीं, जो धागे उलझ जाया करते हैं।। @dashing_raaz #confused #Motivation life #SAD love CHOUDHARY HARDIN KUKNA Satyendra Kharwar Ankita Mishra Rakesh Srivastava Dr vivek Bindra Motivational Speaker #विचार

71 Love

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अपनी कलम से

इस क़दर अपनी निगाहों से, आप जो देखा करें,
कसम खुदा की, बहक जाएं हम।
दिल की धड़कने बढ़ जाय मेरी,
सामने जब भी टकराएं हम।।

इन निगाहों में उल्फत नज़र आती हैं,
डूब इनमें, नशीले नज़र आएं हम।
होती हैं आप अक्सर, ख़ुद हीं होश में,
देख इन्हें मदहोश हो जाएं हम ।।

यूं जो देखा करे, देखते हीं रहे,
देखते -देखते, कहीं खो जाएं हम।
आपकी जब निगाहें इशारा करें,
इन इशारों में हीं गुम हो जाएं हम।।

शरारत करती निगाहें, ये जो है आपकी,
मसलें उलझा जाएं नज़र आपकी।
कभी सादगी से जो पेश आया करे,
ऐसी सादगी पे, मर जाएं हम।।

@dashing_raaz

©dashing raaz इस क़दर अपनी निगाहों से, आप जो देखा करें,
कसम खुदा की, बहक जाएं हम।
दिल की धड़कने बढ़ जाय मेरी,
सामने जब भी टकराएं हम।।

इन निगाहों में उल्फत नज़र आती हैं,
डूब इनमें, नशीले नज़र आएं हम।
होती हैं आप अक्सर, ख़ुद हीं होश में,

इस क़दर अपनी निगाहों से, आप जो देखा करें, कसम खुदा की, बहक जाएं हम। दिल की धड़कने बढ़ जाय मेरी, सामने जब भी टकराएं हम।। इन निगाहों में उल्फत नज़र आती हैं, डूब इनमें, नशीले नज़र आएं हम। होती हैं आप अक्सर, ख़ुद हीं होश में, #story #Poet #Instagram #yourquote #शायरी #नोजोटो #nojota #DailyMessage

67 Love

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अपनी कलम से

विषयहीन/Subjectless

अपनी कल्पनाओं को जब -जब समेटू,
शांत सा चित्त लिए, तुम्हें हीं सोचूं, तुम्हें हीं देखूं,
तू कभी सादेपन से भरी तो कभी विचित्र नज़र आती है,
कभी -कभी खो जाऊं इस तलब,
बैठ जाऊं जब लिखने कुछ भी,
एक सादे लिबास में भी रंगीन नज़र आती है।
लिखना चाहूं, पर लिख न पाऊं,
अपने मन में हीं तुम्हारी चित्र बनाऊं,
कोई शब्द न मिले, तारीफ़ में तेरी,
कभी -कभी शब्दहीन नज़र आती है।
ढूंढू अक्सर लिखूं मैं किसपर?
मेरी कल्पना है तू, 
अक्सर तू मुझे विषयहीन नज़र आती है।

@dashing_raaz

©dashing raaz विषयहीन/Subjectless

अपनी कल्पनाओं को जब -जब समेटू,
शांत सा चित्त लिए, तुम्हें हीं सोचूं, तुम्हें हीं देखूं,
तू कभी सादेपन से भरी तो कभी विचित्र नज़र आती है,
कभी -कभी खो जाऊं इस तलब,
बैठ जाऊं जब लिखने कुछ भी,
एक सादे लिबास में भी रंगीन नज़र आती है।

विषयहीन/Subjectless अपनी कल्पनाओं को जब -जब समेटू, शांत सा चित्त लिए, तुम्हें हीं सोचूं, तुम्हें हीं देखूं, तू कभी सादेपन से भरी तो कभी विचित्र नज़र आती है, कभी -कभी खो जाऊं इस तलब, बैठ जाऊं जब लिखने कुछ भी, एक सादे लिबास में भी रंगीन नज़र आती है। #Hope #सस्पेंस

56 Love

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अपनी कलम से

सो गया चुपके से, खामखां रात जो आयी थी,
किया गुफ्तगू तकिए से, तन्हाई साथ जो लायी थी।
सूनापन था चारो ओर, गांव में भी सन्नाटा था,
बेवजह - बेमौसम, बरसात जो आयी थी।।

आंसू बरस रहें आंखों से, पर मुस्कुरा रहें थें लव,
इन सूनी - सूनी रातों में, तेरी याद जो आयी थी।
खालिपन सा दिल में भरा, मन भी रहने लगा था भारी,
ऐसे इस एहसास में, सामने तेरी बात जो आयी थी।।

कभी सुनने को जो कानें तरसे, चाहने से जो कभी न बरसे,
उस बरसात की रात बदरी से, एक आवाज़ सी आयी थी।
देखने को तरस गईं थीं आंखें, सामने अंधकार लिए,
खुले आसमानों में बिजलियों ने, एक तस्वीर सी बनायी थी।।

दिल रहा पुकार तुम्हें, पर सांसें अटकी - अटकी सी,
आई थी जो उस रात, तू नहीं, तेरी परछाईं थी।
सूनापन था चारो ओर, गांव में भी सन्नाटा था,
बेवजह - बेमौसम, बरसात जो आयी थी।।

@dashing_raaz

©dashing raaz
  सो गया चुपके से, खामखां रात जो आयी थी,
किया गुफ्तगू तकिए से, तन्हाई साथ जो लायी थी।
सूनापन था चारो ओर, गांव में भी सन्नाटा था,
बेवजह - बेमौसम, बरसात जो आयी थी।।

आंसू बरस रहें आंखों से, पर मुस्कुरा रहें थें लव,
इन सूनी - सूनी रातों में, तेरी याद जो आयी थी।
खालिपन सा दिल में भरा, मन भी रहने लगा था भारी,

सो गया चुपके से, खामखां रात जो आयी थी, किया गुफ्तगू तकिए से, तन्हाई साथ जो लायी थी। सूनापन था चारो ओर, गांव में भी सन्नाटा था, बेवजह - बेमौसम, बरसात जो आयी थी।। आंसू बरस रहें आंखों से, पर मुस्कुरा रहें थें लव, इन सूनी - सूनी रातों में, तेरी याद जो आयी थी। खालिपन सा दिल में भरा, मन भी रहने लगा था भारी, #Hindi #sadness

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अपनी कलम से

कभी देखूं तो वो याद आएं, अब यादों के हीं सहारे हैं,
वो राजगुरु, वो सुखदेव, वो भगत सिंह हमारे हैं।

जानतें हम, शख्सियत क्या थी, इतिहास ने हमें पढ़ाया था,
नाम से, हुकुमत कांप जाएं, कुछ ऐसा जज़्बा दिखाया था।

इस माटी की सौगंध थी खायी, अपने देश को अब बचाना है,
ऐसे अत्याचारियों से, भारत मां को आज़ादी दिलाना है।

अपने देश के खातिर डट कर लड़ा, सीना ताने खड़ा रहा,
अंग्रेजों के छक्के छूट गएँ, कुछ ऐसा हीं मंज़र दिखाता रहा।

ज़वान था वो, नौजवान था वो, था सिपाही सच्चा देश में,
सिकन चेहरे पर न आई कभी, लड़ा अपने हीं वेश में।

क्या मंज़र था वो, जब शहादत दिया वो,
अपना मुस्कुराता चेहरा सामने किया वो।

जिस घर में ऐसे वीर पले, उस मां को भी अभिमान हो,
ऐसे मां के वीर सपूतों को, कोटि -कोटि प्रणाम हो।

©dashing raaz कभी देखूं तो वो याद आएं, अब यादों के हीं सहारे हैं,
वो राजगुरु, वो सुखदेव, वो भगत सिंह हमारे हैं।

जानतें हम, शख्सियत क्या थी, इतिहास ने हमें पढ़ाया था,
नाम से, हुकुमत कांप जाएं, कुछ ऐसा जज़्बा दिखाया था।

इस माटी की सौगंध थी खायी, अपने देश को अब बचाना है,
ऐसे अत्याचारियों से, भारत मां को आज़ादी दिलाना है।

कभी देखूं तो वो याद आएं, अब यादों के हीं सहारे हैं, वो राजगुरु, वो सुखदेव, वो भगत सिंह हमारे हैं। जानतें हम, शख्सियत क्या थी, इतिहास ने हमें पढ़ाया था, नाम से, हुकुमत कांप जाएं, कुछ ऐसा जज़्बा दिखाया था। इस माटी की सौगंध थी खायी, अपने देश को अब बचाना है, ऐसे अत्याचारियों से, भारत मां को आज़ादी दिलाना है। #shaheeddiwas #विचार

46 Love

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अपनी कलम से

बाबरा सा मन मेरा, साँवली सी तू
सुकून सा मिले मन को, जब जब दिखे तू

सावला सा रंग तेरा, मुझको ऐसे भाए
जैसे चांदनी रात में, चाँद नज़र आये

तेरे रंग का एहसास भोर मे, कुछ ऐसा नज़र आये
सूरज भी रंग बिखैरने से मानो शर्माए

इस साँवलेपन को देख, गगन में बादल छाए
छाप छोड़ते बादल देख मेरा मन मचलता जाए

मगन गगन की बदरी भी कुछ ऐसे झुमत जाए
देख बदरी को मगन तब सूरज भी नर्मी दिखाये

तेरी याद समेटे ये शाम, मेरे मन को मोहती जाए
साँझ के ऐसे मंज़र में, जब भी तेरा चेहरा नज़र आये

तेरा रंग चढा ऐसा दिल पर, अब कुछ भी मुझको ना भाये
जहाँ भी देखू इन नजरो से मैं , सिर्फ तू ही तू नज़र आये

@dashing_raaz

©dashing raaz #shayari #instagram #hindi #poetry

बाबरा सा मन मेरा, साँवली सी तू
सुकून सा मिले मन को, जब जब दिखे तू

सावला सा रंग तेरा, मुझको ऐसे भाए
जैसे चांदनी रात में, चाँद नज़र आये

shayari #Instagram #Hindi poetry बाबरा सा मन मेरा, साँवली सी तू सुकून सा मिले मन को, जब जब दिखे तू सावला सा रंग तेरा, मुझको ऐसे भाए जैसे चांदनी रात में, चाँद नज़र आये #लव #alonegirl

62 Love

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अपनी कलम से

न रहा इंतज़ार अब तेरा, जो हर घड़ी किया करतें थे,
तेरे खातिर इस ज़माने को, कुछ भी न समझते थें,
हुनर थी आग लगाने की, जज्बा भी हुआ करता था,
एक सिर्फ तुझे पाने के खातिर, क्या -क्या नहीं करता था,
आशिक था, दीवाना था, एक तेरी हीं याद में बेगाना था,
पर आज देख
नए सिरे से चलना सीखा, ख़ुद को संभाल लिया हमनें,
अब इन धोखों से दूर हटकर, खुद में एक मिशाल दिया हमनें।।

©dashing raaz
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