मेरे लिए कविता अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का अनुपम मार्ग हैं........ये बिलकुल खुद से प्रेम करने जैसा हैं....अपने अंतर्मन में उठती हर अनुभूतियों को शब्दों से अलंकृत कर कागज़ के पन्नों पे उकेर देना किसी ध्यान(कला) से कम नहीं .....कविता लिखी नहीं जाती हम लिख भी नहीं सकते, ये तो घटित होती हैं हमारे ह्रदय के हर एक कोने से कभी प्रेम तो कभी विरह के रूप में ,कभी संघर्ष तो कभी शांति के रूप में,कभी उदासी के रूप में ,कभी पीड़ा तो कभी हास्य के रूप में ,कभी ध्यान तो कभी मौन के रूप में जो अनायास ही शब्दों से अलंकृत हो कर कविता का रूप ले लेती हैं.......... ❤❤❤🙏🏼🙏🏼😇😇😇💐💐🙏🏼🙏🏼🌹 मेरी लेखनी में अभी धार नहीं पर प्रयास जारी है आपलोगों के बीच रहकर....
Ayesha Aarya Singh
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