Nojoto: Largest Storytelling Platform
rakshitaharipush6526
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Rakshita Haripushpa

भँवर से लड़ो, लहरों से उलझो.. कहाँ तक चलोगे किनारे किनारे !!

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Rakshita Haripushpa

तेरे और मेरे बचपन में सिर्फ इतना ही फ़र्क है कि
तेरी आँखों में सजता तेरा हर सपना 
तुझे तेरी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है!
और मेरी आँखों में बसता मेरा हर सपना
मेरे माँ-बाप को उनकी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है!

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Rakshita Haripushpa

कितना बेगैरत है ये ज़माना
नहीं चाहता कभी सुनना फ़साना,
जख्मी दिल लेकर लिखा स्याही से कल रात,
पर अब नहीं है इच्छा, इसे जमाने को सुनाना।

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Rakshita Haripushpa

2 Years of Nojoto कल रात जो भी हुआ....
उसे अपने जेहन में दबा कर रखना।
वो रात थी ही इतनी हसीन...
जिस्म पर आये दागों को छिपाकर रखना।
अगर जो पूछ दे कोई उस रात की दास्तान तुमसे,
कह देना उनसे,
उस रात "मैं", "वो"  न होकर "हम" का आगाज़ हुआ।

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Rakshita Haripushpa

चंद लफ़्ज़ों से जिसने मोहब्बत का पाठ पढ़ाया,
आज, जन्में उस महान हस्ती को करती हूँ प्रणाम।
धीरे धीरे ही सही जीवन में ये जो प्रेम रस आया,
उस रस को उजागर करने वाले को करती हूँ प्रणाम।
कोरे कागज़ पर जिसने स्याही से लफ्ज़ बयाँ करना सिखाया,
मैं उस लफ़्ज़ों के दाता को करती हूँ प्रणाम।
यूँही फिल्मी जगत में श्रृंगार का रसपान कराने वाले,
उस बगिया के गुल-ए-गुलज़ार को करती हूँ प्रणाम।

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Rakshita Haripushpa

2 Years of Nojoto था मृदुल स्वभाव,थी बहुत सरल,
दूरदर्शन की वो शान थी,
रोज़ रात "चर्चा में" आकर
हर दिलों में बसती जान थी।

उगते सूरज सा तेज़ था उसमें,
"तेजस्विनी" को हमने खो दिया!
"नारी-शक्ति" की अग्रिम मिसाल
उस "नीलम-रत्न" को खो दिया!

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Rakshita Haripushpa

#OpenPoetry बादल भी रो पड़े कल रात,
सिर्फ तेरे ही याद में,
क्यूँ तू गुज़र गई,
इतनी जल्दी इस संसार से।

तू शेरनी थी देश की,
तेरे चर्चे भी मशहूर थे
कुछ साल और रह जाती ,
सबकी यही तो गुहार थी

बुझ गया एक दीप मानो
हो गया अब अंधकार,
फिर न इस स्वराज्य में लेगा,
कोई इस तरह का अग्रिम स्थान।

विदेश नीतियाँ जो तू दे गई
ना बदलेंगी वो अब तनिक
अजर-अमर तू हो गयी,
है स्वराज्य की तू "स्वराज". शेरनी

शेरनी #poem #OpenPoetry

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Rakshita Haripushpa

#love #romance
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Rakshita Haripushpa

चंद लम्हों की तो ये बात है
तू इस पल मेरे साथ है,
तेरे होने का ही तो ये एहसास है
की तू है मीलों दूर, पर मेरे पास है।

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Rakshita Haripushpa

दिल के मामले में हम इंसान बड़े ही भोले होते है,
कब किसे अपना वक्त और व्यक्तित्व सौंप देते है 
पता भी नहीं चलता।
मगर रिश्तों का ये हार कभी कभी हमारे गले का फंदा बन जाता है,
क्या तब भी उसे पहने रखना मुनासिब है??!!

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Rakshita Haripushpa

सुनो,
बात एक राज़ की बताता हूँ इस रात
तुम जो बिछड़ गयी, थम जायेगी मेरी साँस।।

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