अपने मंजिल के तलाश में
अभी मेहनत के सहारे बैठे है...!
इस कतार में हम
बेचारे, कही किनारे बैठे है...!!
I think find you|||Rahi ❤️
#heerasahu#Heerakavi#शायरी
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Rahi
#lonely नये कपड़े पहन, अपने बाल बनाऊँ किसके लिए..
वो शख्स मेरे भीतर है, बाहर जाऊँ किसके लिए...!
वो अंधेरों मे उजाला जैंसी है मेरे लिए...
फिर जुगनू सा खुद को जलाऊँ किसके लिए...!
और जब वो करीब हुई तो खुद से मिलना पड़ता था
पर वो ही अब नहीं, मिलाने जाऊँ किसके लिए...! #शायरी#poetey#Heerakavi