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zogabhagsariyara7612
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Zoga Bhagsariya

ZOGA BHAGSARIYA .. Qafir_Zoga_Ghulam काबिल"ए" हसद , हूं , हलाक़ मैं , खरा नहीं खोटा , हूं , ख़ाक मैं,,,,,, बे हया ,बदनाम , ,हूं शर्मनाक मैं , बेलियाकत, हूं मरदुदो - नापाक मैं , किसको करवाएं , तार्रुफ "ए" तहजीब, काला ,मेला ,हूं ,खुद ही , कटा नाक मैं ,,, ना हिंदी का इल्म ,ना उर्दू का ,,मगर महफ़िल ए हयात जमाता ,हूं धाक मैं ,,, डूबने में तस्कीन है , गर यकीन है , जोगा इस मामले ,हूं तपाक मैं ,,,,,,,,।। قابلِ حسد ہُوں ہلاک میں ، خرا نہیں کھوٹا ،ہو خاق میں ۔ نے حیا ، بد نام ،ہو شرمناک میں ، نے لیاقت ،ہو ،مردودو ناپاک میں ۔ کیسکو کروائے ،تعارف ع ،تہذیب ، کالا میلا ،ہو خود ہی ک ٹا ،ناک میں۔ نہ ہندی کہ علم نہ ،اُردو کا ، مگر محفلِ حیات جماعۃ ،ہو دھاک میں ۔ ڈوبنے میں تسکین ہے ،گر یقین ہے، زو گا اس معاملے ،ہو تپاک میں ۔۔ ZOGA BHAGSARIYA RAJASTHANI KAFIR ZOGA GULAM.. काबिल"ए" हसद , हूं , हलाक़ मैं , खरा नहीं खोटा , हूं , ख़ाक मैं,,,,,, बे हया ,बदनाम , ,हूं शर्मनाक मैं , बेलियाकत, हूं मरदुदो - नापाक मैं , किसको करवाएं , तार्रुफ "ए" तहजीब, काला ,मेला ,हूं ,खुद ही , कटा नाक मैं ,,, ना हिंदी का इल्म ,ना उर्दू का ,,मगर महफ़िल ए हयात जमाता ,हूं धाक मैं ,,, डूबने में तस्कीन है , गर यकीन है , जोगा इस मामले ,हूं तपाक मैं ,,,,,,,,।। قابلِ حسد ہُوں ہلاک میں ، خرا نہیں کھوٹا ،ہو خاق میں ۔ نے حیا ، بد نام ،ہو شرمناک میں ، نے لیاقت ،ہو ،مردودو ناپاک میں ۔ کیسکو کروائے ،تعارف ع ،تہذیب ، کالا میلا ،ہو خود ہی ک ٹا ،ناک میں۔ نہ ہندی کہ علم نہ ،اُردو کا ، مگر محفلِ حیات جماعۃ ،ہو دھاک میں ۔ ڈوبنے میں تسکین ہے ،گر یقین ہے، زو گا اس معاملے ،ہو تپاک میں ۔۔ ZOGA BHAGSARIYA RAJASTHANI KAFIR ZOGA GULAM..

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Zoga Bhagsariya

इधर पार था सीने के तीर मेरे ,
ऊपर से घुसा दी थी शमशीर मेरे 
اِدھر پاد تھا سینے کے تیر میرے،
اپر سے گھسا دی تھی شمشیر میرے ۔

कटे पांव को देखकर रो रहा था ,
चला इतने में हाथ पे तीर मेरे ।।
کٹے پانو کو دیکھکر رو رہا تھا ،
چلا اتنے میں ہاتھ پے تیر میرے ۔۔

زوگا بھاگسریہ
जोगा भागसरिया ।।

©Zoga Bhagsariya इधर पार था सीने के तीर मेरे ,
ऊपर से घुसा दी थी शमशीर मेरे 
اِدھر پاد تھا سینے کے تیر میرے،
اپر سے گھسا دی تھی شمشیر میرے ۔

कटे पांव को देखकर रो रहा था ,
चला इतने में हाथ पे तीर मेरे ।।
کٹے پانو کو دیکھکر رو رہا تھا ،

इधर पार था सीने के तीर मेरे , ऊपर से घुसा दी थी शमशीर मेरे اِدھر پاد تھا سینے کے تیر میرے، اپر سے گھسا دی تھی شمشیر میرے ۔ कटे पांव को देखकर रो रहा था , चला इतने में हाथ पे तीर मेरे ।। کٹے پانو کو دیکھکر رو رہا تھا ، #Shayari

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Zoga Bhagsariya

इधर पार था सीने के तीर मेरे ,
ऊपर से घुसा दी थी शमशीर मेरे 
اِدھر پاد تھا سینے کے تیر میرے،
اپر سے گھسا دی تھی شمشیر میرے ۔

कटे पांव को देखकर रो रहा था ,
चला इतने में हाथ पे तीर मेरे ।।
کٹے پانو کو دیکھکر رو رہا تھا ،
چلا اتنے میں ہاتھ پے تیر میرے ۔۔

زوگا بھاگسریہ
जोगा भागसरिया ।।

©Zoga Bhagsariya इधर पार था सीने के तीर मेरे ,
घुसा दी ऊपर से श्मशीर मेरे ।।

اِدھر پاد تھا سینے کے تیر میرے،
گھسا دی اوپر سے شمشیر میرے ۔۔

कटे पांव को देखकर रो रहा था ,
चला इतने में हाथ पे तीर मेरे ।।

इधर पार था सीने के तीर मेरे , घुसा दी ऊपर से श्मशीर मेरे ।। اِدھر پاد تھا سینے کے تیر میرے، گھسا دی اوپر سے شمشیر میرے ۔۔ कटे पांव को देखकर रो रहा था , चला इतने में हाथ पे तीर मेरे ।। #Shayari

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Zoga Bhagsariya

गम के आलम में बहुत ही घिर गया हूं मैं ,
क्या कहूं नज़रों में खुद की गिर गया हूं मैं ।।

©Zoga Bhagsariya गम के आलम में बहुत ही घिर गया हूं मैं ,
क्या कहूं नज़रों में खुद की गिर गया हूं मैं ।।

गम के आलम में बहुत ही घिर गया हूं मैं , क्या कहूं नज़रों में खुद की गिर गया हूं मैं ।। #Shayari

15 Love

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Zoga Bhagsariya

मैंने तो कतरे ही डाले इक मरे से पेड़ में ,
मेरी खातिर पानी लेकर सारा जंगल आ गया ।।

میںنے تو قطرے ہی ڈالے اک مرے سے پیڈ میں ،
میری خاطر پانی لیکر سارا جنگل آ گیا ۔

जीत जाता मैं मगर उस को जिताना था मुझे ,
इसलिए मैं हार कर के आज दंगल आ गया  ।।

جیت جاتا میں مگر اس کو جتانا تھا مجھے ،
اسلئے میں ہار کر کے آج دنگل آ گیا ۔

زوگہ بھاگسریہ ۔

©Zoga Bhagsariya
  मैंने तो कतरे ही डाले इक मरे से पेड़ में ,
मेरी खातिर पानी लेकर सारा जंगल आ गया ।।

میںنے تو قطرے ہی ڈالے اک مرے سے پیڈ میں ،
میری خاطر پانی لیکر سارا جنگل آ گیا ۔

जीत जाता मैं मगर उस को जिताना था मुझे ,
इसलिए मैं हार कर के आज दंगल आ गया  ।।

मैंने तो कतरे ही डाले इक मरे से पेड़ में , मेरी खातिर पानी लेकर सारा जंगल आ गया ।। میںنے تو قطرے ہی ڈالے اک مرے سے پیڈ میں ، میری خاطر پانی لیکر سارا جنگل آ گیا ۔ जीत जाता मैं मगर उस को जिताना था मुझे , इसलिए मैं हार कर के आज दंगल आ गया ।। #Shayari

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Zoga Bhagsariya

अपने उन मां बापू को ससुराल आते देखकर ,
क्या कहूं कितनी खुशी से फूल जातीं बेटीयां ।।

मुस्कुरातीं ठीक लगतीं हैं मगर अंदर से सब ,
मैंने देखीं गम से पुर मशगूल जातीं बेटीयां ।।

©Zoga Bhagsariya अपने उन मां बापू को ससुराल आते देखकर ,
क्या कहूं कितनी खुशी से फूल जातीं बेटीयां ।।

मुस्कुरातीं ठीक लगतीं हैं मगर अंदर से सब ,
मैंने देखीं गम से पुर मशगूल जातीं बेटीयां ।।

अपने उन मां बापू को ससुराल आते देखकर , क्या कहूं कितनी खुशी से फूल जातीं बेटीयां ।। मुस्कुरातीं ठीक लगतीं हैं मगर अंदर से सब , मैंने देखीं गम से पुर मशगूल जातीं बेटीयां ।। #Shayari

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Zoga Bhagsariya

सब्र से सब हसरतों को भूल जातीं बेटियां ,
गम के आगे शाख मानिंद झूल जातीं बेटियां  ।।

पलती है जिस घर वहां पर फूल बोतीं बेटियाँ,
बाद शादी अपने संग भी फूल लातीं बेटियाँ ।।

©Zoga Bhagsariya सब्र से सब हसरतों को भूल जातीं बेटियां ,
गम के आगे शाख मानिंद झूल जातीं बेटियां  ।।

पलती है जिस घर वहां पर फूल बोतीं बेटियाँ,
बाद शादी अपने संग भी फूल लातीं बेटियाँ ।।

सब्र से सब हसरतों को भूल जातीं बेटियां , गम के आगे शाख मानिंद झूल जातीं बेटियां ।। पलती है जिस घर वहां पर फूल बोतीं बेटियाँ, बाद शादी अपने संग भी फूल लातीं बेटियाँ ।। #Shayari

14 Love

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Zoga Bhagsariya

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Zoga Bhagsariya

जब कभी संभलने लगता हूं
बोलियों से मार देते हैं ।।

कितने अच्छे लोग हैं वो जो ,
गोलियों से मार देते हैं ।।

झोलियां भरते हैं जो वो ही ,
झोलिओं से मार देते हैं ।।

©Zoga Bhagsariya जब कभी संभलने लगता हूं
बोलियों से मार देते हैं ।।

कितने अच्छे लोग हैं वो जो ,
गोलियों से मार देते हैं ।।

झोलियां भरते हैं जो वो ही ,
झोलिओं से मार देते हैं ।।

जब कभी संभलने लगता हूं बोलियों से मार देते हैं ।। कितने अच्छे लोग हैं वो जो , गोलियों से मार देते हैं ।। झोलियां भरते हैं जो वो ही , झोलिओं से मार देते हैं ।। #Shayari

12 Love

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Zoga Bhagsariya

shukraan allah paaq

©Zoga Bhagsariya अय बहन तू ता क्यामत हो सलामत ,
कोई तुझ को गम न आए गम न आए ।।
रहमतें बे इंतेहा बरसे तेरे पे ,
आंख से हो नम न आए नम न आए ।।

अश्क तेरे हैं खुशी के चल तू रोले ,
है दुआ ये अश्क कभी बा गम न आएं  ।।
अय बहन तू राखी भिजवाते ही रहना ,

अय बहन तू ता क्यामत हो सलामत , कोई तुझ को गम न आए गम न आए ।। रहमतें बे इंतेहा बरसे तेरे पे , आंख से हो नम न आए नम न आए ।। अश्क तेरे हैं खुशी के चल तू रोले , है दुआ ये अश्क कभी बा गम न आएं ।। अय बहन तू राखी भिजवाते ही रहना , #Shayari

13 Love

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Zoga Bhagsariya

है खुशबख्ती मेरी के पाई बहन ,
दुआ तेरी मेरी दवाई बहन ।।

था मुश्किल तेरा आना मिलने मुझे ,
तो राखी बहाने तू आई बहन ।।

यहां तक जो लाया है राखी उसे,
गमों से खुदा दे रिहाई बहन ।।

हमेशां लबों पे तेरे हो हंसी ,
खुशी से रहे रोशनाई बहन ।।

अरे तेरी इस झोंपड़ी की सुनो,
है महलों से ज़्यादा ऊंचाई बहन ।।

तेरी रहमतों से ही मौला मेरे 
मुझे दी बहुत खुश दिखाई बहन ।।।

बहुत जल्दी ये भाई जोगा तेरा ,
करेगा तेरे घर रसाई बहन ।। 

जोगा भागसरीया ।।

©Zoga Bhagsariya #sunflower 
है खुशबख्ती मेरी के पाई बहन ,
दुआ तेरी मेरी दवाई बहन ।।

था मुश्किल तेरा आना मिलने मुझे ,
तो राखी बहाने तू आई बहन ।।

यहां तक जो लाया है राखी उसे,

#sunflower है खुशबख्ती मेरी के पाई बहन , दुआ तेरी मेरी दवाई बहन ।। था मुश्किल तेरा आना मिलने मुझे , तो राखी बहाने तू आई बहन ।। यहां तक जो लाया है राखी उसे, #rakshabandhan #rakhshabandhan

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