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आयुष आनंद

#LOSER🔥

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आयुष आनंद

सफलता केवल ठोकर खाने से नही मिलती जनाब,
उठ कर दोबारा चलना भी पड़ता है।
                                                --आयुष आनंद

9 Love

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आयुष आनंद

ONE YOU FEEL!
AND THE OTHER WILL TOUCH YOUR SOUL!
FORMER IS THE PASSION!
AND THE LATER IS YOUR GOAL!
                         --   Ayush Anand

9 Love

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आयुष आनंद

जुर्म के इतिहास में, वो एक पन्ना जोड़ देता है।
जब कोई शरीफ, अपनी शराफत छोड़ देता है।
                                     --आयुष आनंद

10 Love

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आयुष आनंद

#lovebeat
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आयुष आनंद

मिल जाये जब दिल किसी से ,तो बांकी बात कौन करे?
जनाब मोहब्बत जब रूह से हो,तो धर्म और जात कौन करे?
                                  
                                                      --आयुष आनंद

7 Love

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आयुष आनंद

घर लौटना गुनाह है अगर, तो बेकसूर मत कहो इन्हे।
इस देश को चलाने वाले अभिन्न अंग हैं ये,केवल "मजदूर" मत कहो इन्हे।

                                   --आयुष आनंद

7 Love

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आयुष आनंद

बीते दिनों सिर्फ भारत ही नहीं  बल्कि पूरा विश्व एक कठिन दौर से गुजरा है अंदाज़ा  मात्र इस बात से लगाया जा सकता है कि विश्व के 180 से भी अधिक देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल चुका है और वर्तमान में भी फैल रहा है विश्व के अलग-अलग देशों ने अपने अपने तरीके से इस महामारी को नियंत्रित करने की कोशिश की मगर यह महामारी हाथों से रेत की तरह फिसलती जा रही है स्थिति यह बन गई है कि यह केवल एक क्षेत्र विशेष तक सीमित न रहकर वैश्विक महामारी का रूप ले चुकी है इस स्थति  में विश्व के अधिकांश देशों द्वारा वायरस  के नियंत्रण की दिशा में उठाया गया सबसे महत्वपूर्ण  कदम लॉकडॉऊन का रहा  है। वैज्ञानिकों  द्वारा पाया गया कि यह संक्रमण  एक चेन के के रूप में बढ़ता जा रहा है और इसे रोकने का तत्काल कदम लॉकडॉऊन ही हो सकता है।आनन -फानन मे अधिकांश दशों की सरकार ने देश मे लॉकडॉऊन की  घोषणा कर दी ।भारत में भी है सिलसिला 22   मार्च से ही लागू है।भारत मे कोरोना वायरस को रोकने की दिशा में सबसे पहला कदम 22 मार्च को ही उठाया गया। माननीय प्रधानमंत्री के आवाहन पर पूरा देश एक दिन के लिए ठहर सा गया। चुकी इस बीमारी का लाइलाज होने के कारण इसका संक्रमण बढ़ता जा रहा है ,देश में लॉक डाउन का सिलसिला भी बढ़ता जा रहा है। मगर अब देश की जनता का धैर्य जवाब देने लगा है कई लोग वायरस  से नहीं तो अकेलेपन की मानसिकता की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। चूँकि प्रशासन और सरकार का ध्यान वर्तमान में केवल  संक्रमण को फैलने से रोकने की और संक्रमितों  के इलाज की ओर है।  इसलिए वे इस बात से अनजान है कि लॉकडाउन खत्म होते ही देश में मानसिक तौर पर बीमारो की संख्या काफी बढ़ जाएगी। जनसंख्या अधिक होने के कारण प्रशासन केवल और केवल संक्रमित  कि जांच में जुटा है मगर यह सब समझना भी प्रशासन की ही जिम्मेदारी है कि उनके शहर में रह रहे बुजुर्ग और अकेले लोगों को वे  विश्वास दिलाएं कि दुविधा की इस घड़ी में वे उनके साथ हैं और समय-समय पर  आवश्यकता की चीजें भी उन तक पहुंचाई जाए ।
अगर देखा जाए तो जनसाधारण समूह भी इंसानियत के नाते इस काम को करने में सक्षम है आखिर कब तक हम बुजुर्गों और अकेलो की सहायता के लिए प्रशासन की राह देखते रहे। जो भी हो मगर वर्तमान में संक्रमण की स्थिति को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि बिना वैक्सीन के यह बीमारी थमने का नाम नहीं लेने वाली और इसलिए सरकार आवश्यकता और शर्तानुसार  क्षेत्र विशेष में लॉकडाउन हटाने का मन बना रही है और यह सिलसिला शुरू भी हो चुका है।
इसी का परिणाम है कि देश को 3 जोनों में बांट दिया गया है और आवश्यकता अनुसार अलग-अलग जोनों में अलग-अलग तरह की सेवाएं बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। इस बीच अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिए जिस इंधन का उपयोग किया गया है वह काफी लोकप्रिय है। जी हां शराब, ठेके खुलते ही जिस तरह से लोगों की भीड़ ने नियम और कानून की धज्जियां उड़ाते हुए ठेके की ओर दौड़ पड़े। इससे यही प्रतीत होता है कि शराब इनके लिए कितना लोकप्रिय है तभी तो शारिरीक दूरी का पालन ना करने का भी  खामियाजा भुगतने के लिए तैयार हैं ,तभी तो इस महामारी के प्रकोप से अवगत होते हुए भी अपनी जान की चिंता नहीं की और ना जाने कितनों के संपर्क में आए। सरकार का यह निर्णय सात हफ्तों से चले आ रहे इस लॉक डाउन की सफलता पर पानी फेरने का काम कर सकता है शायद यही कारण है कि देश में फिर से संक्रमितों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है। 
अर्थव्यवस्था को गति देने का निर्णय सरकार का गलत नहीं है मगर जिस कड़ाई से नियमों का पालन अन्य क्षेत्रों मे कराया जा रहा है उसे यहां भी उतनी ही कड़ाई से लागू करना चाहिए था। कहीं ना कहीं यह प्रशासन की भी चूक है कि लोग इस तरह जमा हो गए मगर एक नजर देखा जाए तो क्या जनता के कुछ कर्तव्य नहीं ?जनता कोई दूध पीती बच्ची नहीं जो अपना फायदा- नुकसान खुद ना समझ सके। वायरस के इस भयावह फैलाव को जानते हुए भी इस तरह की लापरवाही करना जनता की मूर्खता का परिचय है। ऐसा करके वे भारत को भी चीन और इटली की श्रेणी में खड़ा कर देंगे। और फिर जो होगा वह हमारी सांसों की याद रखेगी। क्योंकि भारत से अधिक तकनीकी रूप से सक्षम देश भी घुटने टेक चुके हैं। वैसे में  यह लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती प्रशासन अपना काम कर रही है, डॉक्टर से अपना काम कर रहे हैं, सफाई कर्मी अपना काम कर रहे हैं, इसलिए अब बारी देश की जनता की है, जी हां अब बारी हमारी है।
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आयुष आनंद

Dear love❤
Sometimes I get scared of world!
just take me in your arms,
And make me brave!
            Ayush Anand

7 Love

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आयुष आनंद

Look into the stars!
Hey you fool!
I am talking about the sun!
THINK BIG
MAKE BIG
              Ayush Anand

9 Love

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आयुष आनंद

Get rid out of your depression!
just follow your passion !
                       Ayush Anand

8 Love

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