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adyasrivastava1715
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Adya Srivastava

A nocturnal in love with night and ink, both dark and satisfying.✒️

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Adya Srivastava

काश हो कुछ ऐसा,
सब रिश्तें कहीं गुम हो जाऐं।
जैसे कोई गाँठ खुले,
और सब धागें आजा़द हो जाऐं।

ना अदावत, ना रफा़क़त,
ना कोई रिवायत में उलझ पाऐ,
सात वादों से बढ़कर,
ढाई अक्षर का लफ़्ज़ हो जाऐ।

क्या हो गर पंछियों सा,
एक अब्र ज़मीं भी बन पाऐ।
सब उडे़ अपने पंखों से,
और शाम ढले घर लौट आऐं।

ना हो कोई बेचैन अकेला,
हर जहाँ में घर बस जाऐ।
टूट जाऐं सब मरासिम ऐसे,
हर शक्स ही अपना हो जाऐ।

~आद्या श्रीवास्तवा।
~Adya Srivastava अदावत- दुश्मनी/ Enmity
रफा़क़त- दोस्ती/ Friendship
रिवायत- परंपरा/ Tradition
अब्र- बादल/ Cloud
मरासिम- रिश्ते/ Relationships

अदावत- दुश्मनी/ Enmity रफा़क़त- दोस्ती/ Friendship रिवायत- परंपरा/ Tradition अब्र- बादल/ Cloud मरासिम- रिश्ते/ Relationships

8 Love

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Adya Srivastava

उसके कल्ब के एक कोने में कहर जमा है।
उस महताब में कभी कभी कहर उगता है।

दिन भर उसकी जु़ल्फें बन्दिशों में ही रही,
शब में देखो लहर लहर कहर बिखरता है।

जाने कितने किस्से कितनी नज़्म लिखी है,
हर्फ़ - हर्फ़ बनाया उसका कहर लिखता है।

वो एक लड़की है  खुद को तराशने वाली,
झाँकती है खुद में उसको कहर दिखता है।

~आद्या श्रीवास्तवा।

11 Love

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Adya Srivastava

वो रात भर बैठता है चाँद के नीचे,
अब्र नहीं टपकता न चाँद के नीचे।

हर कोई मशरूफ यहाँ तारे तोड़ने में,
वो भागता फिरे है जुगनुओं के पीछे।

बाम-ए-मस्कन से टांक दे वो लफ्ज़,
मंजि़लें बना डाली एक मंजि़ल के पीछे।

है गर दरिया तो कोई गली भी होगी,
क्यूँ ना आए माहताब नुक्खड़ के पीछे।

~आद्या श्रीवास्तवा। अब्र- Cloud
बाम-ए-मस्कन- Terrace of a House

अब्र- Cloud बाम-ए-मस्कन- Terrace of a House #शायरी

1 Love

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Adya Srivastava

ऊँगलियाँ अच्छी हैं या इल्जा़म अच्छे हैं,
सवाल अच्छे हैं या बस होंठ अच्छे हैं।

कल्ब़ में कातिब बैठा है के कलम में लफ्ज़,
अल्फाज़ कम तो नहीं पर खा़मोश अच्छे हैं।

क्या लिखें के अब नज़्म को सूझता नहीं कुछ,
जज़्बात बेजान नहीं उसके हाँ बेहोश अच्छे हैं।

कहर में भी सफ़्हे पर लिखी तहरीर चमकती है,
छुपाओ ना हर्फ़ शायर के बेखौफ़ अच्छे हैं।

~आद्या श्रीवास्तवा। कल्ब़- Heart
कातिब- Writer
सफ़्हे- Page
तहरीर- Hand-written
हर्फ़- Word

कल्ब़- Heart कातिब- Writer सफ़्हे- Page तहरीर- Hand-written हर्फ़- Word #शायरी

7 Love

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Adya Srivastava

नज़्म ये एक अधूरी सी है।
एक शाम है जो अधूरी सी है।
आफताब से बढ़ रही है दूरी,
और ना कोई ये रात ही सी है।
जैसे एक पहर की कैफियत है,
कि सफ्हे पर बहर ढली सी है।
पर हर्फ़ के मायने ना है कोई,
जैसे बिन महताब मुफ़लिसी सी है।
नज़्म ये एक अधूरी सी है।

~आद्या श्रीवास्तवा। आफताब- Sun
कैफियत- State/Condition
सफ्हे- Pages
बहर- A protocol of gazal writing
हर्फ़- Word
महताब- Moon
मुफ़लिसी- Poverty

आफताब- Sun कैफियत- State/Condition सफ्हे- Pages बहर- A protocol of gazal writing हर्फ़- Word महताब- Moon मुफ़लिसी- Poverty

2 Love

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Adya Srivastava

सोचो के बस दिन हो और शाम हो,
सोचो क्या हो अगर ना रात हो।
ना तारे हों ना जुगनू हो,
क्या हो अगर बस आफताब हो।
सारी जि़ंदगी रौशन हो,
ना कहर बिखरे, ना बेशरार हो।
सूरज सुस्ता ले ज़रा सी शाम को,
और फिर लौट आए जब अजा़न हो।
सबने देखा ख्वाब, कौन देखे चाँद को,
भला क्या फर्क हो अगर कभी ना रात हो।
ना रात हो, ना ख्वाब बेहिजाब हो,
ना दिन ढले, ना किसी को अराम हो।
सोचो के बस दिन हो और शाम हो,
सोचो क्या हो अगर ना रात हो।

~आद्या श्रीवास्तवा। आफताब- sun
बेशरार- darkness
बेहिजाब- unveil

आफताब- sun बेशरार- darkness बेहिजाब- unveil #शायरी

6 Love

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Adya Srivastava

बिना तबाही के भी आसमान फट जाता है क्या?
जो एक हर्फ़ ना लिखे तो कातिब़ मर जाता है क्या?

हजा़रों उसूल झिन्झोर कर, बहर में जकडा़ हुआ है,
लफ्जो़ का गला घुटे, तो एहसास मर जाता है क्या?

कलम तो है उसके पास, यकीनन सफ्हे भी होंगे,
स्याही में डूब डूब कर कल्ब़ कोई मर जाता है क्या?

आसमान देखता है, तो माहताब को भी देखा होगा,
महज़ देखकर ही उसको, कहर मर जाता है क्या?

साँस तो चलती है उसकी, धड़कने भी शोर करती हैं,
फिर एक हर्फ़ ना लिखे तो कातिब़ मर जाता है क्या?

~आद्या श्रीवास्तवा। हर्फ़- Word
कातिब़- Writer
बहर- Meter/ A protocol of writing gazal
सफ्हे- Pages
कल्ब़- Heart
माहताब- Moon
कहर- Darkness

हर्फ़- Word कातिब़- Writer बहर- Meter/ A protocol of writing gazal सफ्हे- Pages कल्ब़- Heart माहताब- Moon कहर- Darkness #शायरी

9 Love

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Adya Srivastava

वही मौत है और वही जान,
यकीं मानिए, ये इश्क नहीं आसान।

अब साँस लें या तेरी खु़श्बू,
मय को पानी समझना नहीं आसान।

जि़न्दगी में जीने का ही ग़म हो अगर,
दिल से पूछो के धड़कना नहीं आसान।

पलकों पर चमक होना भी ज़रूरी,
अश्कों का मोती होना नहीं आसान।

किसी के जिस्म से निकलती है भाप,
जलन में जल कर छुपना नहीं आसान।

सात जन्म तक रहते हैं मरासिम,
यहाँ एक पल महरूम होना नहीं आसान।

सितमगर से वादा निभा रहा है कातिब,
कल्ब पर कलम गड़ना नहीं आसान।

~आद्या श्रीवास्तवा। मय- शराब
मरासिम- रिश्ते
महरूम- वंचित रहना
सितमगर- अत्याचारी
कातिब- लेखक
कल्ब- दिल

मय- शराब मरासिम- रिश्ते महरूम- वंचित रहना सितमगर- अत्याचारी कातिब- लेखक कल्ब- दिल #शायरी

6 Love

731c7672a9f18d25e2103c9e416c18f0

Adya Srivastava

हर रोज़ वो एक किताब का पन्ना पलटती है।
हर रोज़ उसकी कहानी बदलती है।
पन्ने की पलटन बदलती है कुछ किस्से,
आज के आधे चाँद के अधूरे हिस्से।
रात का हर पहर उसे बखू़बी जान चुका है,
और ना ही अब, अब्र भी उसकी तीरगी का मसला है।
पर हर बार उस बदलते किस्से की याद,
पलटते सफ्हे से होकर 
उसकी उँगलियों का स्वाद बन जाती हैं।
छूट तो जाती है वो स्याही कहीं पीछे,
मगर उसके हर हर्फ बना जाते हैं निशान।
रात के इस कहर में बैठी,
हर रोज़ वो एक किताब का पन्ना पलटती है।
हर रोज़ उसकी कहानी बदलती है।

~आद्या श्रीवास्तवा।
731c7672a9f18d25e2103c9e416c18f0

Adya Srivastava

Someone who will reach your mind and touch your soul.

~Adya Srivastava Someone -

One or some other day you would need someone in your life. Someone beside you. No, not a supporter, I mean 'someone'. Whoever you are, whatever you are, no matter how much introvert you are, but somewhere back in your mind you know, you want that 'someone'.

Yes, you will. When things won't go with the flow, when your, "ok.. one more time" won't work, when "it's ok dear.. you'll deal with it" or "fine.. one last time" or when your inner voice would not reach your brain, you would need

Someone - One or some other day you would need someone in your life. Someone beside you. No, not a supporter, I mean 'someone'. Whoever you are, whatever you are, no matter how much introvert you are, but somewhere back in your mind you know, you want that 'someone'. Yes, you will. When things won't go with the flow, when your, "ok.. one more time" won't work, when "it's ok dear.. you'll deal with it" or "fine.. one last time" or when your inner voice would not reach your brain, you would need

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