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harshitasingh9751
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Harshita Singh

@Living Life On My Own Terms✌ @Simple but Significant 😊 ,,,,,,,मेरी कलम,,,,,,

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Harshita Singh

“एक वक़्त आता है आपकी ज़िंदगी में,
जब आपको लगने लगता है कि यार सब कुछ खाली हो गया ।

आपके बस में कुछ नहीं है ।

ये प्रेरणा दायक कहानियाँ…ये मोटिवेशनल थोट्स,
आपके आसपास तो गुज़र रहे होते हैं,आपको मालूम भी होते हैं ।

लेकिन आपके काम नहीं आ रहे होते हैं ।
ऐसे में ना बस अपने आप को सरेंडर कर दिजीए।

जो हो पा रहा है वो किजीए बाक़ी छोड़ दिजीए ।
वक़्त अपने आप सब कुछ ठीक कर देगा ॥”

©Harshita Singh #Ride
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Harshita Singh

हम इतने भी बुरे नहीं थे जितना तुमने हमें साबित कर दिया लोगों के सामने,,,, 
अजनबी से शहर में मैं अपनों की तलाश में निकली थी कि कोई अपना मिल जाए,,, 
अपने हमेशा खून के रिश्ते ही नहीं होते कभी-कभी दोस्त हमारे अपनों से भी बढ़कर होते हैं 
और तुमने तो दोस्ती से विश्वास हटा दिया।।।।।
एक दोस्ती का रिश्ता अगर हम सच्चे दिल से निभाए तो उसमें भाई-बहन,मां-बाप सारे रिश्ते समा जाते हैं 
दोस्त ऐसे होते हैं, , , , 
हम इतने भी बुरे नहीं थे जितना तुमने हमें साबित कर दिया।। 
शिकायत हमें तुमसे कभी नहीं रहेगी क्योंकि तुमने तो कभी समझा ही नहीं मेरे चंचल मन को
तुम्हारे दोहरे व्यवहार ने हर दरवाजा खटखटाया पर समझने की कोशिश ना की,,,,
नजरे छिपा लेने से रिश्ते नही सुलझा करते
हम इतने भी बुरे नही थे जितना तुमने साबित कर दिया......

©Harshita Singh #Joker
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Harshita Singh

मैं कोई महिमामंडन नहीं करूंगी,किसी विशेषण,किसी अलंकरण से नहीं सजाऊंगी,स्त्री तुम मानुषी हो 
खुलकर सांस ले पाओ,जी पाओ हर जिरह खोलकर 
कविता भी शायद एक स्त्री ही है जीती,जागती,धड़कती 
कभी ढेर सारा दर्द,कभी बेइंतहा खुशी।।
स्त्री ना हो तो क्या होगा जीवन,कितना नीरस,कितना यांत्रिक होगा मन ।। 
स्त्री और कविता,,,,,,आओ इनको साथ बुन ले,,,थोड़ा स्त्री जी ले अपने भीतर,,,,,
शायद,
कल हट सके अस्पतालों के बाहर लगी तख्तियां जिन पर लिखा होता है। 

"यहां लिंग परीक्षण नहीं किया जाता है। "

 [जो इशारा मात्र होता है ]
यह बताने को????हां यहां यह संभव है 
शायद फिर ना नोच कर फेंक दी जाए गटर के पास कोई कन्या जो पिछली नवरात्रि में पूजी गई थी देवी के नाम पर 
फिर ना उठानी पड़े किसी बाप को अपनी जिंदा जला दी गई बेटी की लाश सिर्फ दहेज के नाम पर 
आओ थोड़ा स्त्री जी ले अपने भीतर🙏🙏🙏🙏

©Harshita Singh #MothersDay2021
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Harshita Singh

वह युग और था,,
ये युग और है
तब राधा होना पूज्य था,
अब राधा होना हेय है 
तुम विकल्प ही रहोगी 
प्राथमिकता ना हो पाओगी
एक पुरुष होकर जो
 स्त्री की मित्रता की मर्यादा समझे 
निस्वार्थ प्रेम से उसे पोषित कर 
समाज की दूषित नजरों से बचाकर 
अपने हृदय में अक्षुण्ण रखे 
वो मित्र कहां से लाओगी???
वो कृष्ण कहां से लाओगी???
तुम कलयुग की राधा हो
 तुम पूज्य ना हो पाओगी 
कितना भी अलौकिक और नैतिक प्रेम हो तुम्हारा 
तुम दैहिक पैमाने पर नाप दी जाओगी,,,,,
तुम उसमे मित्र खोजोगी,,
वे प्रेमी बनाना चाहेंगे,,,
तुम आत्मा सौप दोगी  
वे देह पर घात लगाएंगे
 पूर्ण समर्पित होकर भी तुम राधा ही रहोगी
 रुक्मिणी ना बन पाओगी,,,,
पुरुष किसी भी युग का हो वे पुरुष है......
अतः सम्माननीय है
 तुम स्त्री हो तुम चरित्रहीन ही कहलाओगी........ 
  तुम मित्र कहा से लाओगी. .. 

  नैन्सी सिंह रघुवंशी

©Harshita Singh मित्रता

#Hope

मित्रता #Hope #विचार

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Harshita Singh

सत्ता का अहंकार पर दिमाग पर चढ़ जाता है तो इंसान कीड़े-मकोड़े दिखने लगते हैं। ज़िंदा थी तो इंसाफ नहीं दिया। तड़प रही थी तब इलाज ठीक नहीं दिया। मर गयी तो इज़्ज़त से विदा नही होने दिया। बाप को बंधक बनाकर सहमति लिखाई। बेटी का गम भी मनाने नही दिया। बूटों की धमक से अब गांव दहला रहे है #GandhiJayanti2020
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Harshita Singh

संस्कारी सरकार का कुसंस्कार! रात को रेप पीड़ितों का जबरन दाह संस्कार कर बलात्कार जैसे जघन्य अपराध की भागी बन रही है यूपी सरकार! मगर सबसे बड़ा सवाल तो समाज को खुद ही तलाशना है! योगी-अखिलेश या माया सरकारों को खूब गाली दो, लेकिन जो अधर्म हो रहा उसकी ज़िम्मेदारी समाज खुद कब लेगा? #Stoprape

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Harshita Singh

तुम इश्क़ का दावा करते हो
तुम अपनी मर्दांगी का दावा करते हो 
कैसे मर्द हो जो किसी लाचार को ऐसे नोचते हो।।।। #Stoprape

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Harshita Singh

"हम दिखाएंगे तुमको ज़ख्म कितने गहरे हैं, ज़िन्दगी हमारी पर दूसरों के पहरे हैं। साफ सुथरी सड़कों पर आइये संभल कर के, इस शहर के अजगर भी नाग से छरहरे हैं।" नरकीय कृत और फिर उस बिटिया के पूरे शरीर को क्षत विक्षत करना.. इतनी असुरीय सोच वाला समाज बेटियों लायक नहीं है.



#HathrasRape #WorldHeartDay
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Harshita Singh

क्या पसीने की यही क़ीमत हैं ? 
बेबसी क्या यही कहाती है ? 
खेत सड़कों पे सो रहा हो जब , 
आपको नींद कैसै आती है...?
आदमी के ज़िंदा रहने की वजह ही 
औरत का जिश्म हैं,, #WorldHeartDay
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Harshita Singh

बेटियाँ कमज़ोर नहीं हैं,,क़ानून कमज़ोर है।किसी की माँ बहन पर हाथ लगाने वाले अपनी माँ बहन को भी ठीक ऐसे है नोचते होंगे।।। क्या गलती थी उस लड़की की जिसे नोच डाले भेडिये 

#हाथरस #WorldHeartDay
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