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nishapanwar9183
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Nisha Panwar

मरने से डरती हूं क्युकी मुझमें उसकी जान बस्ती है मुझे कुछ हुआ तो आंच उस पर भी आएगी।।

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Nisha Panwar

दूरियां काफी है ना?
 तेरा अर्श (sky) बन तेरे शहर में आऊं तो चलेगा क्या?
 तू रात भर मुझे सोचता है ,
 मैं कभी चांद बन तेरी खिड़की पर आऊं तो चलेगा क्या?
 ये दिल दिमाग में जो कशमकश है उसे खत्म करना है 
 कुछ जख्म है जो बड़े गहरे हैं उन्हें जल्द भरना है 
 अगर आहिस्ता से मै तेरा अक्स(reflection) बन जाऊं तो चलेगा क्या?
 मैं कभी चांद बन तेरी खिड़की पर आऊं तो चलेगा क्या?
तू शजर (tree)बन खड़ा हो शान्त सा 
मैं सबा(breeze) बन तुझे गुदगुदाऊं तो चलेगा क्या? 
ये लोक लाज की कफस(jail)तोड़ तेरे सीने से लग जाऊं तो चलेगा क्या?
तेरे पास आकर तुझे देख मुस्कुराऊं
 तेरा हाथ थाम तेरे घर चली जाऊं 
 हां खास नहीं मैं बेशक जमाने के लिए 
 मगर तेरी हायात(life) में एक अफसून(magic)कर जाऊं तो चलेगा क्या?
 मैं चांद बन तेरी खिड़की पर आऊं तो चलेगा क्या?
 तू अर्धागिनी बना ले जा
 मैं तेरे नाम का सिंदूर लगाऊं तो चलेगा  क्या?
सुबह तुझसे जल्दी उठ 
तेरे लिए गर्म चाय बना लाऊं तो चलेगा क्या?
तू हाथ थाम जो फेरे लेगा 
मैं उन फेरों की कस्मों को तेरे साथ निभाऊं तो चलेगा क्या?
मैं कभी ईद 
तो कभी करवाचौथ में तेरा मेहताब बन जाऊं तो चलेगा क्या?
                      - Nisha मै कभी चांद बन तेरी खिड़की पर आऊं तो चलेगा क्या?
#poetry
#nojotoapp

मै कभी चांद बन तेरी खिड़की पर आऊं तो चलेगा क्या? #Poetry #nojotoapp #कविता

12 Love

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Nisha Panwar

मां तू हर किसी से खास है ये बात तुझे बयां नहीं कर पाती
 तेरी ये बेटी कलम को चाहती बहुत है
 बस तेरे लिए कुछ लिखने को अल्फ़ाज़ नहीं जुटा पाती
 मै बैठती हूं जब भी कुछ लिखने को तेरे लिए
  कलम मुझ पर है मुस्कुराती और बस कहती है
के तू उस फरिश्ते के बारे में क्या लिखेगी जो हर किसी को नसीब नहीं
  के मां अर्श(sky) है जिसको छूने से दिल डरता नहीं
 के तू वो शजर (tree)है जिसके पत्ते सूखते नहीं
तू कुछ खास बेशक कहती नहीं
मगर मै समझती हूं कि तेरी हर बात है सही
 अब बस  इतना कहकर कलम को रख देती हूं 
क्योंकि लिखना बहुत है पर स्याही की जरा कमी सी है
वो स्याही मेरी कलम की नहीं
मेरे अल्फाजों की है
 और मालूम है तुझे 
 तू इस मतलब के जहान में 
 एक वो अपना है को हर वक़्त पास है।
      -Nisha

8 Love

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Nisha Panwar

मै कोन हूं?
 वजूद क्या है मेरा ?
 चलो आज मै खुद से बतलाती हूं
  मै खूबियां तुम्हे आज अपनी
 फक़त (only)कुछ लफ़्ज़ों में गिनवाती हूं
 मै वो हूं जो रात देर से जागकर भी
सुबह समय पर उठ जाती हूं
मै वो हूं जो आंखो के नीचे पड़ी नील को भी एक मुस्कान के पीछे छुपाती हूं
 मै वो हूं जिसने खुद के लिए कभी मुस्कुराना नहीं सीखा
 मै वो हूं जिसने खुद से पहले सपना दूसरों के लिए देखा 
 मै वो हूं जो रोटियां गर्म खिलाकर तुम्हे , 
खुद भूखी सो जाती हूं
 मै वो हूं जो हंसता देखना सबको हमेशा चाहती हूं
मै कहीं नौ दिन तक दुर्गा के रूप में पूजी जाती हूं
 तो कहीं हर दिन, हर गली, हर चौराहे में गिरी हुई निग़ाहों से देखी जाती हूं
  मै हूं वो जिसे तुमने कपड़ों से तोला है
 मै हूं वो जिसको लोगो ने कभी चंद पैसों के लिए मोला है
  मै कहीं वो आफताब(sun) हूं जिसे देखने को लोग तरसते है
 तो कहीं हूं वो मेहताब (moon) जिसके नूर की बातें अक्सर होती है
मै वो ही जान हूं जिसे दुपट्टा श्रृंगार को नहीं
महज़ तन ढकने को दिया जाता है
 मै हूं वो जिसके लिए मंगलसूत्र कभी महज़ एक जंजीर बन जाता है
 मै नाजुक नहीं
 मै जो हूं बहुत नाज है मुझे उसपे
मै हर घर का दिया हूं
 हर घर की शान हूं
 मै सुंदर हूं सुशील भी
 मै भरी खूबियों से सारी हूं 
 मै शक्ति हूं दुर्गा हूं 
 हां मै इस देश की नारी हूं।।।
                           -Nisha #international_womens_day
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Nisha Panwar

 A true teachers feeling..
 follow for more on instagram
 #nojotapp

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8 Love

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Nisha Panwar

 #innerfeeling
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Nisha Panwar

 #quoteoftheday
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Nisha Panwar

 #quoteoftheday
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Nisha Panwar

#OpenPoetry  roj kuch likhti hu
roj mittati hu
kuch jajbaat bayaan krti hun
kuch aj bhi chipati hu
kahi ijat lutti jati hai
to kahi 9 durgaon me pooji jati hu
har kisi ko muskaan dekar 
apne ansuon ko chipati hu
sabko khilakar khana
khud Kabhi bhuki sojati hun
kbhi haq smjhkar sota hai koi sath mere
to kahi majburiyon me andar hi andar chilati hu
yun roj bhikarkar
sabko sanwara hai mene
fir bhi najane kyu aj tak
abla naari mai kehlati hun.. roj kuch likhti hu
roj mittati hu
kuch jajbaat bayaan krti hun
kuch aj bhi chipati hu
kahi ijat lutti jati hai
to kahi 9 durgaon me puji jati hu
har kisi ko muskaan dekar 
apne ansuon ko chipati hu

roj kuch likhti hu roj mittati hu kuch jajbaat bayaan krti hun kuch aj bhi chipati hu kahi ijat lutti jati hai to kahi 9 durgaon me puji jati hu har kisi ko muskaan dekar apne ansuon ko chipati hu #womenempowerment #poem #NojotoFamily #girlpower #nojotoapp #ownwords #OpenPoetry

21 Love

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Nisha Panwar

 #nojotofamily #nojotoapp
#quoteoftheday
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Nisha Panwar

kash tu bhi kuch is kadar mohobbat kar pata
k dard mera hota lekin takleef vo tujhe de jata #nojotofamily
#nojoto
#abrokensoul
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