Nojoto: Largest Storytelling Platform
thakurvivekgangw4002
  • 349Stories
  • 5.1KFollowers
  • 3.6KLove
    207Views

विवेक गंगवार

मुसीबतों मे याद करना मैं सलाह नहीं साथ देता हुँ

WWW.WriterVivekThakur.COM

  • Popular
  • Latest
  • Video
a6dd1db566dd97a3092cfdfa17b75e82

विवेक गंगवार

हज़ारो लोग पुराने नंबर चला रहे है 
किसी की एक कॉल के इंतज़ार में 😉

©Writer Vivek Thakur Gangwar #Photos
a6dd1db566dd97a3092cfdfa17b75e82

विवेक गंगवार

महादेव के प्रसाद से हो तुम
बड़े भक्ति भाव से सर, माथे लगाया है तुम्हें...!! 

#विवेक

©Writer Vivek Thakur Gangwar महादेव के प्रसाद से हो तुम
बड़े भक्ति भाव से सर, माथे लगाया है तुम्हें...!! 

#विवेक

महादेव के प्रसाद से हो तुम बड़े भक्ति भाव से सर, माथे लगाया है तुम्हें...!! #विवेक #ज़िन्दगी

8 Love

a6dd1db566dd97a3092cfdfa17b75e82

विवेक गंगवार

जिंदगी में कुछ कर गुजरने का मन था,
फिर क्या था,
वक्त करता गया,
और हम गुज़रते गए।

©Writer Vivek Thakur Gangwar जिंदगी में कुछ कर गुजरने का मन था,
फिर क्या था,
वक्त करता गया,
और हम गुज़रते गए।

जिंदगी में कुछ कर गुजरने का मन था, फिर क्या था, वक्त करता गया, और हम गुज़रते गए। #सस्पेंस

10 Love

a6dd1db566dd97a3092cfdfa17b75e82

विवेक गंगवार

बेईमानी भी 
तेरे इश्क़
 ने 
सिखाई थी
तू पहली 
चीज़ थी 
जो माँ_
से_
छिपाई_
थी..!

©Thakur Vivek Gangwar बेईमानी भी तेरे इश्क़ ने सिखाई थी
तू पहली चीज़ थी जो माँ_से_छिपाई_थी..!

बेईमानी भी तेरे इश्क़ ने सिखाई थी तू पहली चीज़ थी जो माँ_से_छिपाई_थी..! #Life

10 Love

a6dd1db566dd97a3092cfdfa17b75e82

विवेक गंगवार

जहाँ तेरे अपने मूँह फेर जाएँ,
वहां याद करना मैं साथ निभाने आ जाऊँगा...

©Thakur Vivek Gangwar जहाँ तेरे अपने मूँह फेर जाएँ,
वहां याद करना मैं साथ निभाने आ जाऊँगा...

जहाँ तेरे अपने मूँह फेर जाएँ, वहां याद करना मैं साथ निभाने आ जाऊँगा...

9 Love

a6dd1db566dd97a3092cfdfa17b75e82

विवेक गंगवार

#मौहब्बतें.....
हेल्लो"
"हाँ, क्या हुआ, फोन क्यों नहीं उठा रही थी"
"यार लगता नहीं घर वाले मानेंगें"
"तुमने बात की?"
"हाँ, लेकिन कोई भी राज़ी नहीं है, बस वही पुरानी बात, लड़का ठाकुर होता तो उन्हें एक पैसे की दिक्कत न होती"
"फिर तुमने क्या कहा"
"क्या कहती..हर बार की तरह हार मान कर फोन कर रही हूँ तुम्हें"
"अरे परेशान मत हो, सब ठीक हो जायेगा"
"यार तुम मेरी बात मान क्यूँ नहीं लेते, चलो भाग जाते हैं न, मैं तुम्हारे साथ खुश रह लूँगी"
"फिर वही बात, भागना ही होता तो अब तक रुकता क्या"
"यार तुमने मेरे लिए क्या कुछ नहीं किया, मुझे पाने के लिए तुमने सबसे बैर कर लिया और फिर भी ये हाल है। मैं सब देख सकती हूँ लेकिन तुम्हे हारा हुआ नहीं देख सकती।"
"अगर ऐसा है तो सुनो, तुम्हें तुम्हारे घर से भगाकर ले गया, तो वो मेरी हार है। जीत मैं तभी गया था जब तुमने मेरा हाथ थामा था ये कहकर कि ये साथ अब आखिरी साँसों के साथ ही छूटेगा। ये परेशानियां, दुविधाएँ, बाधाएं ये सब तो महज़ एक घटनाक्रम है, जो हमारे बंधन को और मज़बूत कर रहा है।"
"लेकिन..."
"नहीं पहले बात पूरी करने दो। ये बात सही है कि मैं ब्रह्मण हूँ और तुम ठाकुर , लेकिन अगर मैं ब्रह्मणभी होता तब भी तो गोत्र का नाटक आड़े आ जाता, है कि नहीं? इसलिए बात को समझने की कोशिश करो बात यहाँ हिन्दू या ब्राह्मण या एक गोत्र का होने की नहीं है, बात यहाँ दिमाग जड़ी उस फांस का है जो हमेशा कमज़ोर लोगों को गलत कदम उठाने के लिए मजबूर कर देती है। लेकिन मैं और तुम कमज़ोर नहीं हैं। हम दोनों मिलकर इसका सामना करेंगे उस दिन तक जब तक साथ न रहने लगें। जब तक सुबह एक दूसरे के चेहरा देखे बगैर न हो, जब तक मुझे बिना बोले चाय और तुम्हे बिना कहे साड़ियां न मिलने लगे, तब तक!"
"भक पागल"
" हाँ सच बोल रहा मैं..और यार अभी हम दोनों की उम्र ही कितनी हुई है, अभी तो बहुत टाइम है। हाँ तुम ज़रा बूढ़ी लगने लगी हो, पर मैं काम चला लूँगा 😂 "
"अच्छा ऐसा!! अब फोन करना "
"अच्छा सॉरी, मोमोज़ खाओगी? "
"मक्खन न मारो काम है मुझे, रात में फोन करती हूँ"
"अच्छा ठीक है बाय"
"बाय, टेक केयर"

#विवेक_गंगवार_युवराज

©Thakur Vivek Gangwar #विवेक_की_बातें #विवेकपूर्ण #विवेकशून्यता #विवेककेविचार 
#standAlone
a6dd1db566dd97a3092cfdfa17b75e82

विवेक गंगवार

दोहरी जिंदगी।

एक, 
जो जीता हूँ रोज,
दूसरी, 
जो रोज जीना चाहता हूँ।
तुम उस दूसरी जिंदगी का 
पहला और अंतिम हिस्सा हो।

#विवेक

©Thakur Vivek Gangwar दोहरी जिंदगी।

एक, जो जीता हूँ रोज,
दूसरी, जो रोज जीना चाहता हूँ।
तुम उस दूसरी जिंदगी का पहला और अंतिम हिस्सा हो।

#विवेक

दोहरी जिंदगी। एक, जो जीता हूँ रोज, दूसरी, जो रोज जीना चाहता हूँ। तुम उस दूसरी जिंदगी का पहला और अंतिम हिस्सा हो। #विवेक #बात

10 Love

a6dd1db566dd97a3092cfdfa17b75e82

विवेक गंगवार

तुम किसी रेल सी गुजर गई,
मैं किसी स्टेशन सा थम गया।

©Thakur Vivek Gangwar तुम किसी रेल सी गुजर गई,
मैं किसी स्टेशन सा थम गया।

तुम किसी रेल सी गुजर गई, मैं किसी स्टेशन सा थम गया। #बात

12 Love

a6dd1db566dd97a3092cfdfa17b75e82

विवेक गंगवार

हम ने उस को इतना देखा, 
जितना देखा जा सकता था
लेकिन फिर भी दो आँखों से 
कितना देखा जा सकता था

©Thakur Vivek Gangwar हम ने उस को इतना देखा, जितना देखा जा सकता था
लेकिन फिर भी दो आँखों से कितना देखा जा सकता था

हम ने उस को इतना देखा, जितना देखा जा सकता था लेकिन फिर भी दो आँखों से कितना देखा जा सकता था #विचार

11 Love

a6dd1db566dd97a3092cfdfa17b75e82

विवेक गंगवार

चिरागे शाम हूँ 
जुल्मत में भी 
मुस्कराउंगा,
मुझे सम्भाल 
कर रखना,
मै वक्त पर 
हमेशा काम 
आऊंगा...

©Thakur Vivek Gangwar चिरागे शाम हूँ जुल्मत में भी मुस्कराउंगा,
मुझे सम्भाल कर रखना,
मै वक्त पर हमेशा काम आऊंगा...

चिरागे शाम हूँ जुल्मत में भी मुस्कराउंगा, मुझे सम्भाल कर रखना, मै वक्त पर हमेशा काम आऊंगा...

10 Love

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile