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pawankumarsuman6212
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pawan kumar suman

हमें हार भी मनुहार लागे हैं।

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pawan kumar suman

White तेरी संवेदना 
इतनी संकुचित हो जाएगी 
मैंने सोचा भी न था।
तू बदल जाएगी इस क़दर 
मुझे मालूम न था।

©pawan kumar suman
  #SAD वेवफ़ा

#SAD वेवफ़ा #शायरी

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pawan kumar suman

सुख-दुःख आते-जाते रहते हैं,
हम व्यर्थ ढकोशला क्यों करते हैं।
हैं नियत-नियति का प्रतिफल ये-
न जाने जमाना ढोंग क्यों रचती है।

©pawan kumar suman
  # सुख -दुःख

# सुख -दुःख #शायरी

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pawan kumar suman

Nature Quotes फुर्सत में दिलो जां लुटाती है,
क़समें-वादे बखूबी निभाती है।
होते ही नजरों से ओझल -
क्या वो मुझे भूल जाती है?

क्या मेरे तरह  मिलन का 
इंतजार करती होगी?
क्या मेरे तड़प को वो महसूस
 करती होगी?
हरपल खोया रहता जिसके
ख्यालों में-
क्या एक पल ही सही मुझे याद
करती होगी?

बेपनाह मोहब्बत है उससे
यादें-बीते लम्हों के किस्से।
व्यथित मन हरपल ढूंढे -
गुम हुए उन ख़ुशी के हिस्से।

©pawan kumar suman #NatureQuotes #प्यार के किस्से

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pawan kumar suman

अब हो गया पूर्ण विश्वास,
यहाँ ना कोई अपना खास।

स्वार्थी-ढोंगी यहाँ हजार,
 सबका है अपना प्रयास।

कथनी-करनी में फर्क बहुत है,
चाहे कितने हों दिल के पास।

  धड़कते दिल में रहता,
हरदम हैवानियत का वास।

'सुमन' चिंता मत कर तू ,
ये दुनियां है बकवास।

©pawan kumar suman #PhisaltaSamay ढहते विश्वास

#PhisaltaSamay ढहते विश्वास #कविता

14 Love

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pawan kumar suman

समय का पहिया घूमता जाए
मन के घोड़े का क्या कहना।
पल में प्रलय पल में खुशियाँ 
देखे सपनों का क्या कहना।

आशाएं ले रंगमंच पर उतरे 
उन किरदारों का क्या कहना।
छा जाते आवाम में कुछ
गुमनाम किरदारों का क्या कहना।

संतोष नहीं सोहरत पाकर भी
उन धनलोलुप का क्या कहना।
मुक़र जाते जो अपने वादे से
उन सफ़ेदपोश का क्या कहना।

मन मैला,संकुचित विचार
उन मक्कारों का क्या कहना।
दर्पण को भी झुठलाने वाले
दागी दानव का क्या कहना।

समय के चक्र से कौन बचा
भगवान के दंड का क्या कहना।
आशा ही नहीं विश्वास भी है
इन्हीं किरदारों से आश भी है
फूल के संग काँटों के 
सामंजस्य का क्या कहना।

©pawan kumar suman #BadhtiZindagi गुमनाम किरदारों का क्या कहना

#BadhtiZindagi गुमनाम किरदारों का क्या कहना #कविता

16 Love

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pawan kumar suman

कितना भी करलो साजिशें,
कभी पूरी न होगी ख्वाइशें।

अडिग हूँ और अडिग रहूँगा,
चाहे करलो जितनी नालिशें।

अनजान नदी का नाव हूँ मैं
देखी है कई झंझवातें-बारिशें।

जो है न आप का न बाप का
उनको होती अक्सर खारिशें।

चकल्लस बाजी न की हमनें,
देखी है हमनें कितनी गर्दिशें।

©pawan kumar suman #justice
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pawan kumar suman

सागर सी है ये जिंदगी 
उठती हर तूफानों को अपने में समा लेती है।
अपने हर समस्याओं को
 सर पटक पटक तट पर ही सुलझा लेती है।

सागर यह सीख देता है
खुश न होना सुख पे, दुःखी न दुःख आने पर।
हर दिन हर पल किस्मत बदलता
कुछ न होगा किसी के हित-अनहित चाहने पर।

©pawan kumar suman जिंदगी

#grey

जिंदगी #grey #कविता

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pawan kumar suman

भावना मर गए मर गई संवेदनाएँ,
चहु ओर रची जा रही ईर्ष्या-द्वेष की ऋचाएँ।
बदले की भावना ले जी रहा हर प्राणी-
हर मोड़ पर साजिशें चारो ओर हैं बाधाएँ।

खुशियों की यहाँ हो रही है अपहरण,
कहाँ करे लोग अपने तन-मन का अर्पण।
विश्वाश उठ रहे हैं अपना कहें तो किसको-
देख बनावटी चेहरे शर्मा रहा अब दर्पण।

हद से ज्यादा रखो न चाहत किसी की,
दिल की धड़कन भी न बस में किसी की।
बेशुमार प्यार करने वालों का हश्र होता है बुरा-
प्रेमी बदलते जैसे न हो फिक्र उस बेशुमारी की।

©pawan kumar suman अपना कहें तो किसको

#Life

अपना कहें तो किसको Life #कविता

0 Love

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pawan kumar suman

मेरे सादगी से तंग आ बसा ली
वो अलग दुनियाँ,
ओझल कर देती हमेशा हमें पर दिख
 जाती थी बेताबियाँ।
पिंजरे की पंछी की तरह उड़ने को 
बेचैन रहती थी वो-
खोल दिया होता दिल का पिजरा यदि
सामने न होती मजबूरियाँ।

बदल गए सारे सुर,लय-तान हमारे,
आख़िर वो ले उर गई जान हमारे।
दिल से चाहा था जिस जिस को मैंने-
छोड़ मरदते चले गए अरमान हमारे।

बैशाखी पर है कहाँ जिंदगी चलने वाला,
सच्चाई छुपती कहाँ जड़ो जितना ताला।
देखी है दुनियां स्वार्थ में जीते यहाँ हर लोग-
व्यथित मन को न रहा सहारा देने वाला।

©pawan kumar suman व्यथित मन

#Dark

व्यथित मन #Dark #कविता

2 Love

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pawan kumar suman

मिलन की घड़ी है
               दख़ल न दूँगा,
सोचो क्या क्या सोच 
              जगता रहूँगा।
ख़ैर कसर न छोड़ना
       इस घड़ी का कोई-
मैं तो इसी तरह
जिंदगी भर तड़पता रहूँगा।

अभी न होगा बहाना कोई,
पता न है कौन जगी-सोई।
ना ही डर किसी अपनों का-
है अरमान पूर्ण करने में खोई।

हाँ मंजिल पाते भूल जाते हैं वो
          क्या रखा पुरानी यदों में,
मग्न हो जाते खुशी में
         क्या रखा है जज़्बातों में।
कौन चाहता है दो प्रेमी का
                  मिलन अधूरा रहे-
मैं सिर्फ याद आता हूँ उसे
                      तन्हाई रातों में।

©pawan kumar suman प्रेमी और पति

#SunSet

प्रेमी और पति #SunSet #कविता

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