Nojoto: Largest Storytelling Platform
nojotouser6367537625
  • 14Stories
  • 67Followers
  • 84Love
    21Views

अनजान पथिक

बनता बिगड़ता एक एहसास हूँ। कभी आम हूँ, कभी खास हूँ।

https://www.instagram.com/nikhil.srivastava.716

  • Popular
  • Latest
  • Video
b36410820a8615af9755b321848f9d27

अनजान पथिक

मैं धूप में बैठता हूँ तो खिल उठता है मेरा रोम-रोम, बारिश होती है तो अपने अन्दर कुछ रिसता हुआ महसूस होता है। रोशनी में ढूँढता हूँ दाना-पानी और अंधेरा होने पर मुरझा जाता हूँ, बंद कर लेता हूँ अपने सारे खिड़की दरवाज़े किसी बाहरी खटके से बचने के लिए।

मुझे कई बार लगता है कि मेरे अंदर एक पेड़ है, जो इस जिस्म में क़ैद कर दिया गया है। 

अपनी जड़ों की टोह पाने के लिए मैंने कई बार खरोंचा है अपनी रूह की दीवारों को। वहाँ बस एक ठण्डी सी चुप है।
जाने अजाने एक ख़्वाहिश गूँजा करती है, बस।
जब सारे सूरज, चाँद, तारे बुझा दिए जाएँगे वक़्त की एक फूँक से, मैं एक ज़िद की तरह उग आऊँगा कोपलों के रूप में।
मुझे मिट्टी में रोप कर काश नए जीवन बनाए जा सकें!

सुनो, उस वक़्त तुम बस अपनी पलकों के नीचे मेरे लिए कुछ बूँदें बचा कर रखना। मेरी जड़ें तुम्हारे आँसुओं की छुअन पहचानती हैं। तुम्हारे बाद, मैंने अपने अन्दर उस छुअन से अपनी जड़ों को फैलता हुआ महसूस किया है।

हम इंसान के रूप में शायद कमज़ोर हो जायें, पर एक पेड़ के रूप में मज़बूत हो जाते हैं किसी के जाने के बाद। मैं धूप में बैठता हूँ तो खिल उठता है मेरा रोम-रोम, बारिश होती है तो अपने अन्दर कुछ रिसता हुआ महसूस होता है। रोशनी में ढूँढता हूँ दाना-पानी और अंधेरा होने पर मुरझा जाता हूँ, बंद कर लेता हूँ अपने सारे खिड़की दरवाज़े किसी बाहरी खटके से बचने के लिए।

मुझे कई बार लगता है कि मेरे अंदर एक पेड़ है, जो इस जिस्म में क़ैद कर दिया गया है। 

अपनी जड़ों की टोह पाने के लिए मैंने कई बार खरोंचा है अपनी रूह की दीवारों को। वहाँ बस एक ठण्डी सी चुप है।
जाने अजाने एक ख़्वाहिश गूँजा करती है, बस।
जब सारे सूरज, चाँद, तारे बुझ

मैं धूप में बैठता हूँ तो खिल उठता है मेरा रोम-रोम, बारिश होती है तो अपने अन्दर कुछ रिसता हुआ महसूस होता है। रोशनी में ढूँढता हूँ दाना-पानी और अंधेरा होने पर मुरझा जाता हूँ, बंद कर लेता हूँ अपने सारे खिड़की दरवाज़े किसी बाहरी खटके से बचने के लिए। मुझे कई बार लगता है कि मेरे अंदर एक पेड़ है, जो इस जिस्म में क़ैद कर दिया गया है। अपनी जड़ों की टोह पाने के लिए मैंने कई बार खरोंचा है अपनी रूह की दीवारों को। वहाँ बस एक ठण्डी सी चुप है। जाने अजाने एक ख़्वाहिश गूँजा करती है, बस। जब सारे सूरज, चाँद, तारे बुझ #thought #Hindi #विचार

5 Love

b36410820a8615af9755b321848f9d27

अनजान पथिक

"मैं सिगरेट पीना तो नहीं जानता,
पर कश लेने का सुकून समझता हूँ|"

वो शाम याद है?
जब तुम्हारे होठों पर रखे ,
उस जलते हुए से लम्हे को ,
अपने होठों की एक ही कश में ज़हन तक उतार गया था मैं|

उस कश के साथ जितनी आग उतरी थी सीने में  ,
इक पूरी उम्र छोटी है ,
उसकी आँच धीमी करने को|

मेरी धड़कन का हर हिस्सा ,
बाखुशी फूँक आया था खुद को उस आग में ,
क्योंकि उससे उठने वाले धुएँ से ,
आज भी महकता रहता है, मेरे एहसासों का शहर |

जिंदा रहता है - तुममें उलझा मेरा वजूद ।
मुस्कराती रहती  है - मुझमें साँस लेती तुम्हारी मौजूदगी |

ये आग कितना कुछ जला दे पता नहीं ,
पर जलना हमेशा मेरा शौक रहा और रहेगा |
ये कैसे बुझेगी ,कब बुझेगी , खुदा जाने ,
पर ये बुझी तो शायद मैं भी बुझ जाऊँगा इसके साथ ही|

इसलिए फूँकता रहता हूँ मैं रोज़ खुद को ,
तेरे ही किसी ख्याल में,
ताकि मिलती रहे तेरे होठों पर, उस शाम की तरह ही,
इश्क की आधी सुलगी सी कोई कश |

सच मानो ,इतना सुकून है जल जाने में ,
कि मेरा मुरझाया चेहरा और सूखे होंठ देखते हैं लोग ,
तो पूछ बैठते हैं 
"फूँकने की लत है क्या ?"

और मैं, जवाब में, बस यही कह पाता हूँ- 

"मैं सिगरेट पीना तो नहीं जानता ,
पर कश लेने का सुकून समझता हूँ ||"

                                                 
                                                - निखिल #सिगरेट #RDV19 Ashish Dwivedi 
#love #life #poem #hindi

"मैं सिगरेट पीना तो नहीं जानता,*
पर कश लेने का सुकून समझता हूँ|"

वो शाम याद है?
जब तुम्हारे होठों पर रखे ,

#सिगरेट #RDV19 Ashish Dwivedi #Love #Life #poem #Hindi "मैं सिगरेट पीना तो नहीं जानता,* पर कश लेने का सुकून समझता हूँ|" वो शाम याद है? जब तुम्हारे होठों पर रखे ,

7 Love

b36410820a8615af9755b321848f9d27

अनजान पथिक

#bekhayali #bekhayalichallenge
challenge accepted
#nojoto #nojotopoetry #nojotohindi

भीगी-भीगी जुल्फों वाली कोई ग़ज़ल जब मन छू जाए,
किसी पुराने ख़त में जब उसकी मेहँदी की खुशबू आये।
जब रात गुज़र जाये चंदा में उसे देखते खिड़की से,
आँखें पढ़कर जब माँ पूछे-"दिल आया है ,किसी लड़की पे? "

#Bekhayali #bekhayalichallenge challenge accepted nojoto #nojotopoetry #nojotohindi भीगी-भीगी जुल्फों वाली कोई ग़ज़ल जब मन छू जाए, किसी पुराने ख़त में जब उसकी मेहँदी की खुशबू आये। जब रात गुज़र जाये चंदा में उसे देखते खिड़की से, आँखें पढ़कर जब माँ पूछे-"दिल आया है ,किसी लड़की पे? "

36 Views

b36410820a8615af9755b321848f9d27

अनजान पथिक

सब वक़्त के पानी के संग चुपचाप बहने दीजिये।
कुछ ज़ख्म गहरे हैं अगर, गहरे ही रहने दीजिये।
बदलेंगे परदे आँखों के तो नज़र भी बदलेगी तब,
अभी खामोशियों का दौर है, खामोश रहने दीजिये।

है फ़ासलों को जिद अगर, तो खुद ही कम हो जायेंगे।
इन वक़्त की शाखों पे मीठे फल कभी तो आयेंगे।
जिसको है कहना जो, उसे चुपचाप कहने दीजिये।

सब वक़्त के पानी के संग चुपचाप बहने दीजिये। कुछ ज़ख्म गहरे हैं अगर, गहरे ही रहने दीजिये। बदलेंगे परदे आँखों के तो नज़र भी बदलेगी तब, अभी खामोशियों का दौर है, खामोश रहने दीजिये। है फ़ासलों को जिद अगर, तो खुद ही कम हो जायेंगे। इन वक़्त की शाखों पे मीठे फल कभी तो आयेंगे। जिसको है कहना जो, उसे चुपचाप कहने दीजिये। #nojotopoetry #nojotohindi #nojotowriting

39 Views

b36410820a8615af9755b321848f9d27

अनजान पथिक

चल चलें, चाँद के पार चलें।
आ जा हमदम एक बार चलें 

बर्फ़ीली मस्त हवाओं के पंखों पे रात ये गुज़रे जब,
एक ख्वाब की कश्ती आँखों के, बहते दरिया में उतरे जब,
तब बिन कुछ बोले, जुल्फें खोले
आ थम जा इन बाहों में,
तारों के फूल है खिले जहाँ
बादल के गाँव है राहों में।
वहाँ वक्त की सारी बंदिश से, ज़रा दूर मेरे इकरार चलें।
चल चलें चाँद के पार चलें,
आ जा हमदम एक बार चलें।


उस फ़लक को करके पार वहाँ, चलते हैं ऐसे  देस सनम,
तितली-तितली ,पत्ता-पत्ता ,खुशबू-खुशबू जहाँ होंगे हम।
जहाँ हवा मोहब्बत गाएगी, बारिश भी इश्क सुनाएगी।
जहाँ लैला बनकर रात सुबह के मजनूँ में ढल जायेगी।
जहाँ सही न हो, न गलत हो कुछ, चल वहाँ मेरे दिलदार चलें।
चल चलें, चाँद के पार चलें।
आ जा हमदम एक बार चलें।

  
जहाँ धूप के पीले पन्नों पर, हम रोज नया इक राज़ लिखें।
इबादत ,ख्वाब ,हकीकत,
प्यार के सब के सब अंदाज़ लिखें।
और हो जायें दीवाने यूँ, कि वक्त थके ,धडकनें थमें,
खुद खुदा रोक दे जब सब कुछ , तब भी अपना ये प्यार चले।
सदियों तक रूह तके तुझको,
सदियों तक ये दीदार चले।
दिल कभी न जीत सके तुझसे, इतनी लंबी ये हार चले।
चल चलें, चाँद के पार चलें।
आ जा हमदम एक बार चलें| चल चलें, चाँद के पार चलें।

आ जा हमदम एक बार चलें 


बर्फ़ीली मस्त हवाओं के पंखों पे रात ये गुज़रे जब,

एक ख्वाब की कश्ती आँखों के, बहते दरिया में उतरे जब,

चल चलें, चाँद के पार चलें। आ जा हमदम एक बार चलें  बर्फ़ीली मस्त हवाओं के पंखों पे रात ये गुज़रे जब, एक ख्वाब की कश्ती आँखों के, बहते दरिया में उतरे जब, #Love #कविता #nojotopoetry #nojotohindi #nojotolucknow

23 Love

b36410820a8615af9755b321848f9d27

अनजान पथिक

हम बहुत दिनों तक 'ठीक होने' का नाटक करते रहते हैं।

फिर एक दिन कोई हमारे कंधों पर हाथ रखकर, 

आँखों में एकटक झाँकते हुए जब पूछता है हमसे -

"तुम ठीक हो"?

हम जाने किस बात पर फफक कर रो पड़ते हैं।


हम सब एक अरसे तक अपना 'ठीक ना होना' सिर्फ इस वजह से छिपाते हैं कि एक दिन अचानक ऐसे ही एक सवाल पर ठीक से रो सकें, और ठीक हो सकें।


-निखिल श्रीवास्तव #nojoto #nojotohindi
b36410820a8615af9755b321848f9d27

अनजान पथिक

एक बार सुना था कहीं 

कि मोहब्बत इंतज़ार है।

तबसे गाल सूखे रखे हैं

इनपर वो एक बोसा* उधार है।


(बोसा-kiss) #इंतज़ार #Nojotohindi
b36410820a8615af9755b321848f9d27

अनजान पथिक

ये तेरी नज़र का गुरूर ,ये मेरे इश्क का नशा,
किसको अपनाना है ,और किसे छोडना
तय करना आसान नहीं।
पर हाँ एक वादा है । मोहब्बत के उसूल न बिगड़े थे, न बिगडेंगे।
तेरे दिल में भी तभी उतरा जायेगा,
जब अपनी नज़रों में चढ़ जायेंगे|
हम शर्तों पे समझौते करने नहीं निकले थे,
खुद को हारकर इश्क निभाने निकले थे।।

और रही बात तुझे पाने की, तो वो कभी और सही।
वैसे भी ,
"इंतज़ार और एहसास की कोई उम्र नही होती।।"
                                                              -अनजान पथिक

3 Love

b36410820a8615af9755b321848f9d27

अनजान पथिक

कितना अच्छा होता,काश  !!
अपनी जिंदगी की हथेली की  ,
किसी घुमावदार सी लकीर में ,
मैं लिख के छिपा देता तुमको  - वक्त की मेहँदी से |

ताउम्र तुम रचती जाती मुझमें || Nojoto Hindi

Nojoto Hindi

4 Love

b36410820a8615af9755b321848f9d27

अनजान पथिक

मैंने जब से इन कुुुुछ जुगनुओं से यारी की है,
सूरज कहता फिर रहा है, जंग जारी की है।

मुकाबला, मेरे इश्क़ या उसकी खूबियों का नहीं,
जो अहम बात है, वो बस तेरी तरफदारी की है।

आप कुछ भी बोलिए, लिखिए या सुनिए यूँ तो,
पर ध्यान रखिए कि ये जगह ज़िम्मेदारी की है।

चिराग निकलेंगे सफर पे तो आँधियाँ होंगी ही,
हमें जरूरत बस अब पहले से तैयारी की है।

सोचिए तो ये मुश्किलें इतनी बड़ी नहीं है लेकिन, 
बड़ी मुसीबत हमें अपनी इस लाचारी की है।

जब तक दूसरे की हो तमाशा ही लगती है,
मौत में सारी परेशानी बस अपनी बारी की है।

मीठा कहते कहते, कमर जब दुःखने लगे तो सोचो
कहीं ज़रूरत तो नहीं, तुम्हें खुद्दारी की है। Nojoto Nojoto Hindi

Nojoto Nojoto Hindi

5 Love

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile