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ashishkrpathak1393
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ASHISH PATHAK

कल्पना है मेरी जिंदगी, लिखना है मेरा काम नहीं मैं कोई लेखक ,आशीष पाठक है मेरा नाम ! I'm ashish kumar pathak from madhubani, bihar. I'm engineering student of SIRT callege from state University RGPV , bhopal contact🗣📲📞 ➡9801014004

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ASHISH PATHAK

A^²NM
This is engineer scenario.

©ASHISH PATHAK #friends
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ASHISH PATHAK

ओस की रात  से भी मिट जाती है बहुतो निशा ! 
सभी  निशा दिल में ही छपी हो जरूरी तो नहीं ?
🄰🄿🄰🅃🄰🄻

©ASHISH PATHAK #Moon
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ASHISH PATHAK

लिबासों की तरह हम नहीं बदलते रिश्तें  कभी ! 

बदलते है सरज़मीं  पर बदलते नहीं फ़रिश्ते कभी !! 
𝔸𝕡 𝕒𝕥𝕒𝕝

©ASHISH PATHAK #old
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ASHISH PATHAK

पीठ पर हाथ था ही नहीं बने ये रिश्तों का
और हम ठहरे की गुमान कर बैठे थे रिश्तों पर...! 
ꋬꇙꁝ꒐ꇙꁝ ꉣꋬ꓄ꁝꋬꀘ ꋬ꓄ꋬ꒒

©ASHISH PATHAK #chaand
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ASHISH PATHAK

संवाद आज  उनसे बेहद संवेदनशील सा लगा.! 
बुलंद आवाज थी उनकी आज कुछ धीम सा लगा!!
आशीष पाठक  अटल

©ASHISH PATHAK #touch
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ASHISH PATHAK

गुरुर चेहरे,कयामती आँखे है तुम्हारे  शहर के लोगों का.. 
मुझे उम्मीद है की तुम  भी मुझे  कातिल ही समझोगे..! 
₳₱ ₳₮₳ⱡ

©ASHISH PATHAK #City
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ASHISH PATHAK

#lonely
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ASHISH PATHAK

मिली हुई कागजों पर मैं अब कुछ लिखना चाहता हूं 
कुछ उनपर पर छोड़ना चाहता हूं कुछ लेना चाहता हूं
छोड़कर सतरंग  उन कागजो से मैं बस एक रंग चाहता हूं
रह जाए सभी रंग उन कागजों पर उनसे मैं हम रंग चाहता हूं।
आशीष पाठक अटल

©ASHISH PATHAK #VantinesDay
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ASHISH PATHAK

#violin
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ASHISH PATHAK

चाहता हूं एकांत ! 
शोर  की गूंज अब कान को खटकती हैं।
सुबह  अंधकार की सांत  को तड़पती हैं।
मन है रोज-रोज नई कल्पना को गढ़ती हैं।
उलझ गया हूँ कल्पनाओं  में एक पल न आराम! 
तट को तेरे आ रहा हूं  मन को सींचना  प्रशांत ! 
फरेबी की इस दौड़ से अब चाहता हूं एकांत! 
आशीष पाठक अटल

©ASHISH PATHAK #Goodevening
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