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akshitajangidpoe7994
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WRITER AKSHITA JANGID

IG - @jangid_akshi "दिल की जुबां, कलम से बयां करती हूँ !!"

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WRITER AKSHITA JANGID

*परिणामों का दौर*

देखा है मैंने इन दिनों,
चल रहा दौर परिणामों का

सफलता जिनके घर आई, खुशियाँ सिर्फ उसने पाई
बधाई का ताता लगता हर पल,हर तरफ बटी मिठाई 
अभी उन्हीं के किस्से, तारीफ़, सुनाई दे रहे सभी से
मेहरबानी अच्छी खुदा की, मेहनत किसी की रंग लाई

जब देखा मैंने द्विज द्वार, अंधेर घर वहीं पसरी चटाई
उम्मीदों का टूटा इंसान, बातें उसकी किसने सुनाई 
मंजिल पाने की चाह में मेहनत वो भी तो करता था
क्या कमी रही जो खुदा ने उसकी किस्मत आजमाई

उठकर चलने का हौसला अभी भी कायम है उसमें
टूटी उम्मीद से सीखकर, एक उम्मीद नई फ़िर बनाई
ढलती शाम गुजरने पर एक रोज सवेरा फ़िर आएगा
धीरे-धीरे चलने पर, वहीं कछुआ मंजिल पा जाएगा
           "कछुआ मंजिल पा जाएगा"

©WRITER AKSHITA JANGID
  #adventure #Motivation #poetry #hindiwriter #hindipoem
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WRITER AKSHITA JANGID

लेकर समय थोड़ा, हम फ़िर बात लिखते है
आपको भी दिखाए कैसे इंतजार लिखते है

पहली दफ़ा मैंने खुद को ठहरकर देखा था
उस पल का अहसास, वो आभास लिखते है

©WRITER AKSHITA JANGID #Chhuan #love #hindipanktiya #write
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WRITER AKSHITA JANGID

जो कहती है दुनिया, तू बदलेगा क्या 
टूटे रिश्तों को बांध के रख लेगा क्या

बंदिशों में बंधे जो तेरे ये सपने पड़े है
खातिर उनके अपनों से लड़ लेगा क्या

किस्सा अधूरा भी बेशक वो तूने छोड़ा
अधूरे जज़्बातो को कोई पढ़ लेगा क्या

मंजिल चुनी तो राह भी अपनानी होगी
तू बिना निकले घर से कुछ पा लेगा क्या

मन में तेरे आंधी, कहीं तूफान भी होगा
बढ़ते इस वक़्त में सबको रोक लेगा क्या

अपना भी आसाँ कहाँ रहा सफ़र "अक्षी"
कोई खुद खोकर खुद को लिख लेगा क्या

बाहरी दुनिया की जब गुम हों इस भीड़ में 
कोई हमें भी फ़िर यूँ पहचान लेगा क्या

"जो कहती है दुनिया, तू बदलेगा क्या"

©WRITER AKSHITA JANGID #moonnight #poetry #hindipanktiya
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WRITER AKSHITA JANGID

ये तुम्हारें लिए कुछ पंक्तिया लिखी है
पढ़ो तो वो सपनों से भरपूर लिखी है

चेहरे पर मोहब्बत का वो नूर चमकता
मैंने कुछ बातें फ़िर मिश्री सी लिखी है

पहरा कोई देखा ना संग कभी जिसके
ख़्वाबों की उसकी ये किताब लिखी है

ख़ुशी से गुजरता, जों हर पल अपना 
देखकर आई वो मुस्कुराहट लिखी है

पढ़कर इसे कई खुश, कई मायूस होंगे
मोहब्बत की बात जो सरेआम लिखी है

अपना हर दिन, देखकर तुझे ही बनता
"अक्षि" ने दिल की फ़िर से बात लिखी है

ये तुम्हारें लिए कुछ पंक्तिया लिखी है
पढ़ो तो वो सपनों से भरपूर लिखी है

©WRITER AKSHITA JANGID
  #intezar
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WRITER AKSHITA JANGID

रफ्ता - रफ्ता हर सफऱ गुजर गया
कुछ अधूरा कुछ पूरा निकल गया

दरख्वास्त की मैंने जिस-2 से कल
कोई अपना, कोई पराया बन गया

वक़्त ने ऐसे दर्शन सबके करा दिए
जो कल था, वो आज सरक गया

मासूमियत अपनी रोक लेती हर बार
दिल में मुश्किल ये सवाल पनप गया

जताने को उफ़ान भरा है जो मन में
कारण उनके वो घर द्वार निकल गया

फैसलों में मजबूत जो हर बार हम दिखे 
गुजरा वक़्त, फ़िर किस्सा ही बदल गया

वो दिन, वो बातें मुझे सभी की याद है 
दिल जाने, क्यों ये हर बार पिघल गया

कोई पूछे तो आकर बता दे फ़िर "अक्षि"
कैसे लिखा, कैसे फ़िर सब सिमट गया

"रफ्ता - रफ्ता हर सफऱ गुजर गया"

©WRITER AKSHITA JANGID
  #Hope #morning #Truth #hindiwriter #hibdiwriting #writer
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WRITER AKSHITA JANGID

ना जमीन थी, ना जमीर था
वो वक़्त भी कैसा अजीब था

साथ सभी ने आसानी से छोड़ा 
पर एक शख्श बेहद करीब था

देखकर दुःखी तो ख़ुश सभी हुए
खुदा ने लिखा अपना नसीब था

निकल गए यूँ तलाश में खुद की
फ़िर जो पाया वो सबसे हसीन था

©WRITER AKSHITA JANGID
  #chaand #dream #thought #writer #write
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WRITER AKSHITA JANGID

कभी बढ़ना है,
कभी चलना है
कुछ बात
लफ़्ज़ों से कहना है
खेल-खेल में
सीखे खेल सारे
कभी जीना है, कभी
मरना है !!

©WRITER AKSHITA JANGID
  #khoj

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WRITER AKSHITA JANGID

चल पड़ा "मैं" अकेला एक मंजिल संग लेकर
सपनों की गठरी में एक सपना नया बुनकर

पथ में रात, कांटे कहीं बौछारें भी होती है 
बैठ ना जाना तू कहीं, बातें सबकी सुनकर

हौसला है, तो घरोंदा बनेगा एक ना एक दिन
काँटों से तू फूल लाना, सबसे बढ़िया चुनकर

तेरे ही इंतजार में, रुके है कुछ अपने यहां
लौटकर देना खुशियाँ इन्हें जितना चाहे मन कर

धीरे-धीरे हर बंदगी, ये तेरी टूट ही जाएंगी
हार ना मानना बीच राह में, घर से तू निकलकर

"चल पड़ा "मैं" अकेला एक मंजिल संग लेकर"

©WRITER AKSHITA JANGID
  #Journey #selfmotivation #morningthought #lovelife #dedicated #hindipanktiya #poem #poetry_addicts #hindipoetry #writer
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WRITER AKSHITA JANGID

ये वक़्त की डोर पक्की सी रही
मोहब्बत अपनी सच्ची सी रही

कीमतें सभी की देखी सभी ने
दीवार धरोंदो की कच्ची सी रही

यूँ महफूज रखा हमनें भी जिसे 
कहानी वो, एक बच्ची सी रही

किस्सा जिंदगी का ऐसे भी बढ़ा
जिससे डोर जुड़ी, रस्सी सी रही

पलटा पन्ना जिस किताब का मैंने 
जिंदगी में कस्सा-कस्सी सी रही

©WRITER AKSHITA JANGID
  #FindingOneself #hindipanktiya #kavita #hindilines #writer #writing #morningthought
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WRITER AKSHITA JANGID

कभी बैठते है संग उनके, तो
किस्सा छिड़ता है, बातें होती है
और एक नई कहानी का सर्जन होता है !!

©WRITER AKSHITA JANGID
  #shabd #hindi #feeling #together #lovelife #meet #talking #hindipanktiya #hindiwriting
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