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vikashsingh4688
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Vikash Singh parmar

9525702733 what's app हर पतंग को एकदम कचरे में जाना है, उस से पहले आसमान छू कर दिखाना है। ❤️

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Vikash Singh parmar

बीती बातों का, हो कोई ग़म नहीं
मुस्कुराते होंठ हो, आँखें नम नहीं, 

वही दिल,वही जज़्बा, वही हम हैं
बदलने से साल, बदलेंगे हम नहीं, 

नया साल है, तो आगाज़ हो नया
जीत लाने को, आसमां कम नहीं, 

अर्जुन नहीं, तो एकलव्य ही सही
ठोकरों से डर जाएँ, ऐसे हम नहीं, 

है सूरज में आग बहुत,तो होने दो
      इन आँखों में भी अंगारे कम नहीं ।❤️

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Vikash Singh parmar

Happy New Year  New is the year, new are the hopes, new is the resolution, new are the spirits, and new are my warm wishes just for you. Have a promising and fulfilling New Year!💐

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Vikash Singh parmar

प्यार होना चाहिए मगर कैसा प्यार चाहिए!

प्यार ऐसा हो कि बस उसे एक नज़र देख ले और फिर कुछ देखने का मन करे. कि एक बार उसके गले से लिपट कर रो लें तो तमाम उम्र रोने की हसरत न करे. कि जिस शहर, जिस गली में उस से मिल ले वो शहर, वो गली उसकी गली हो जाए. हमारी गली हो जाए. कि जब भी गुज़रों उन रास्तों से जिन पर कभी साथ चले थे तो उसका वहाँ होना महसूस हो सके. कि उसके बदन की ख़ुशबू वहाँ की फ़िज़ाओं से घुलता हुआ तुम में उतरता सा लगे. कि उसका नहीं होना भी होना सा लगे. हमेशा के लिए. हमेशा-हमेशा के लिए.
प्यार तो ऐसा होना चाहिए बेबी!🌻

- लिखी जा रही हमारी प्रेम कहानी ❤️

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Vikash Singh parmar

उसने एक बार भी नहीं सोचा,

मैं यही सोचता रहा बरसों।

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Vikash Singh parmar

मुँह फेरकर गुज़र जाते हैं सामने से, 
मुझे तस्वीर में भी अपना बताने वाले 🖤

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Vikash Singh parmar

ज़िंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में!

जॉन एलिया❤️

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Vikash Singh parmar

कुछ तो भीतर टूटा होगा मुझसे हाथ छुड़ाते वक़्त।
सच्ची बात छुपाने ख़ातिर, झूठी बात बताते वक़्त।।
                                                          
तेरी पलकों पर वो आँंसू, मेरे होठों पर वो आह।
रोज सवेरा हो जाता है, बीती रात भुलाते वक़्त।।

सारे बंधन, सारे रिश्ते छूट गए हैं साथ तुम्हारे।
मैं सब से तन्हा रहता हूँ, मिलते और मिलाते वक़्त।।

टूटी चूड़ी, छूटे कंगन, बिंदिया, काजल, लाली सब।
तुम को इक दिन देख लिया था, मैंने आते-जाते वक़्त।।

लम्हा-लम्हा, भीतर-भीतर, टूट रहा हूँ, किरक रहा हूँ।
खुद को थोड़ा खो देता हूँ, तुम को थोड़ा पाते वक़्त।।

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Vikash Singh parmar

नौजवान बेटों को शहरों के तमाशे ले उड़े, 
गाँव की झोली में कुछ मजबूर माएँ रह गयीं।❤️

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Vikash Singh parmar

मेरे मसीहा मैं जी  उठूंगा, 
    दुआएँ दे दे दवा से पहले  
🙏

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Vikash Singh parmar

#KisanDiwas  खेत की मिट्टी को कुदेरकर देश के लिए अनाज, फल और सब्जियां उगाने वाले सभी धरती पुत्र कृषक भाई को किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
       जय जवान जय किसान
राष्ट्रीय किसान दिवस पर देश के सभी अन्नदाताओं को नमन 🙏
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