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chahakmoryani8262
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CM Chaitanyaa

दिल की कलम से, अपने दर्द को लिखती हूँ... यहाँ क़ीमत नहीं है मेरी, बेमोल ही बिकती हूँ... कोई ढूँढ के ले आए, मेरे पतझड़ के उन दिनों को; जिन्हें याद करती हूँ और पल-पल बिलख़ती हूँ...

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CM Chaitanyaa

"श्रीराम चरितावली" प्रस्तावना :

जिनका मुख-मंडल देख,
अश्रु जल  छलके अविराम।
वे हैं नील मणि की भाँति, 
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

दशरथ के नंदन बड़े अद्भुत,

प्रस्तावना : जिनका मुख-मंडल देख, अश्रु जल छलके अविराम। वे हैं नील मणि की भाँति, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।। दशरथ के नंदन बड़े अद्भुत, #yqbaba #hindipoetry #yqdidi #yqquotes #रामनवमी #yqpoetry #bestyqhindiquotes

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CM Chaitanyaa

      जब भी अंबर को देखती हूँ तो सोचती हूँ
कि आख़िर क्या दे पाई मैं ख़ुद को?
निराशा, दुख, दर्द, और नीरसता के सिवाय!

मन और बुद्धि के मध्य के अंतर्द्वंद्व में
मैंने सदा ही मन को चुना,
और मेरा मन सदैव ही चुनता रहा नाकामियाँ।
नाकामियाँ, जिन्होंने मुझे

जब भी अंबर को देखती हूँ तो सोचती हूँ कि आख़िर क्या दे पाई मैं ख़ुद को? निराशा, दुख, दर्द, और नीरसता के सिवाय! मन और बुद्धि के मध्य के अंतर्द्वंद्व में मैंने सदा ही मन को चुना, और मेरा मन सदैव ही चुनता रहा नाकामियाँ। नाकामियाँ, जिन्होंने मुझे

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CM Chaitanyaa

"वो शिव हैं"

 जिनकी जटाओं से भी, बहे करुणा की धार वो शिव हैं,
जो कण-कण में व्याप्त, ब्रह्माण्ड के आधार वो शिव हैं।

शिव हैं साधना तो साध्य भी शिव हैं,
शिव आराधना-आराध्य भी शिव हैं।
शिव ही तो शक्ति शिव ही तो भक्ति,
शिव हैं मुक्ति और बाध्य भी शिव हैं।

जिनकी जटाओं से भी, बहे करुणा की धार वो शिव हैं, जो कण-कण में व्याप्त, ब्रह्माण्ड के आधार वो शिव हैं। शिव हैं साधना तो साध्य भी शिव हैं, शिव आराधना-आराध्य भी शिव हैं। शिव ही तो शक्ति शिव ही तो भक्ति, शिव हैं मुक्ति और बाध्य भी शिव हैं। #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #yqpoetry #bestyqhindiquotes

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CM Chaitanyaa

... 


— % & मुरझाते फूलों को देख
जब कभी भी
व्याकुल हो जाता है अंबर,
डूब जाता है
निर्मम विद्रोह में।

धरती की पुकार सुनकर
बहरा हो जाता है,

मुरझाते फूलों को देख जब कभी भी व्याकुल हो जाता है अंबर, डूब जाता है निर्मम विद्रोह में। धरती की पुकार सुनकर बहरा हो जाता है, #SAD #rain #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqpoetry #bestyqhindiquotes

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CM Chaitanyaa

"आत्मा का शृंगार"— % & शृंगार मात्र सज्जा ही नहीं है, एक रीति है। उसका एक उद्देश्य है, एक अर्थ है, एक नीति है।

देह का शृंगार होता है संपदा से, और आत्मा का विपदा से।

आत्मा करती है शृंगार अपने पिय (परमात्मा) को रिझाने को। वो करती है साधना प्रेम में शून्य हो जाने को।

करुणा का 'परिधान' धारण कर, शीलता की चुनर ओढ़ती है। ये वस्त्र रंग में लाल तो नहीं, परंतु पवित्रता उससे कई ज़्यादा होती है।

शृंगार मात्र सज्जा ही नहीं है, एक रीति है। उसका एक उद्देश्य है, एक अर्थ है, एक नीति है। देह का शृंगार होता है संपदा से, और आत्मा का विपदा से। आत्मा करती है शृंगार अपने पिय (परमात्मा) को रिझाने को। वो करती है साधना प्रेम में शून्य हो जाने को। करुणा का 'परिधान' धारण कर, शीलता की चुनर ओढ़ती है। ये वस्त्र रंग में लाल तो नहीं, परंतु पवित्रता उससे कई ज़्यादा होती है। #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #yqpoetry #bestyqhindiquotes #आत्माकाशृंगार

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CM Chaitanyaa

तनहाइयों से नाता सरे आम बना रखा है, 
हमने ख़ुद को इनका ग़ुलाम बना रखा है, 

चाहे कितना भी दर्द देदे अब ये ज़िंदगी, 
हमने दर्द को दवा का काम बना रखा है, 

कुछ  बरसों से उस कबूतर के इंतज़ार में,
 हमने  बेशुमार उनका पैग़ाम  बना रखा है, 

हज़ारों में यहाँ क़ीमत है जिस किसीकी, 
हमने उसे कौड़ियों का  दाम बना रखा है, 

दिल बदलने  से पहले के इक रिवाज़ में, 
हमने घर बदलने का  ईनाम बना रखा है, 

मेहनत के चलते ही  चल पड़ती हैं लाशें, 
हमने  उसे दिनों का आराम बना  रखा है, 

बस अब तो जो इस 'चैतन्या' को मंज़ूर है,
 हमने उसे ज़िंदगी का मुक़ाम बना रखा है!— % & #yqdidi #yqhindi #yqghazal #life #sadquotes
#bestyqhindiquotes #yqquotes #yqbaba
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CM Chaitanyaa

स्वर
साध्य हैं
  जो आराध्य हैं, 
रहते सदा
 विशुद्ध! 

(अनुशीर्षक में)  सायली छंद में रचित कृति :

स्वर
साध्य हैं
जो आराध्य हैं, 
रहते सदा
विशुद्ध!

सायली छंद में रचित कृति : स्वर साध्य हैं जो आराध्य हैं, रहते सदा विशुद्ध! #yqbaba #yqdidi #yqhindi #संगीत #yqpoetry #bestyqhindiquotes #चैतन्याछंदकृति

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CM Chaitanyaa

कहो, 

क्या देखा है कभी;
एक तुलसी को नित्य ही
दूसरी तुलसी को, 
जल अर्पित करते हुए ?   तुलसी... तुलसी मात्र एक पौधा नहीं है, 
एक आस्था है, विश्वास है, 
वो भक्ति है, आँगन की शोभा है।

जिस प्रकार तुलसी रक्षा करती है उस घर की
जहाँ उसका निवास होता है, 
उस घर को अपना मान वो न्यौछावर हो जाती है
लड़ती है कीटों और ऊर्जाओं से,

तुलसी... तुलसी मात्र एक पौधा नहीं है, एक आस्था है, विश्वास है, वो भक्ति है, आँगन की शोभा है। जिस प्रकार तुलसी रक्षा करती है उस घर की जहाँ उसका निवास होता है, उस घर को अपना मान वो न्यौछावर हो जाती है लड़ती है कीटों और ऊर्जाओं से, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes #तुलसी_और_स्त्री

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deba54b3cb05a3176fdaaff3266ca882

CM Chaitanyaa

और इस जटिल यात्रा से 
मुक्ति के लिए,
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तुम्हें होना होगा 'बुद्ध'! आरंभ से उत्पन्न होने वाला अंत
निःसंदेह ही व्याकुलता के शिखर पर 
नित्य करता है ताण्डव।
जन्मता है मृत्यु का भय और, 
करता है प्रतीक्षा उस परम् सत्य की जो उसे
मिलता है अनंत जन्मों में
जीवन पर्यन्त भ्रमण करने के पश्चात।
लौकिक, अलौकिक सुख प्राप्त करते ही

आरंभ से उत्पन्न होने वाला अंत निःसंदेह ही व्याकुलता के शिखर पर नित्य करता है ताण्डव। जन्मता है मृत्यु का भय और, करता है प्रतीक्षा उस परम् सत्य की जो उसे मिलता है अनंत जन्मों में जीवन पर्यन्त भ्रमण करने के पश्चात। लौकिक, अलौकिक सुख प्राप्त करते ही #Truth #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqhindi #बुद्ध #bestyqhindiquotes

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deba54b3cb05a3176fdaaff3266ca882

CM Chaitanyaa

"मनुष्य की तो प्रवृत्ति है, 
बिखर जाना!" कभी-कभी एक तंतु उलझा देता है पूरे मनुष्य को, और मनुष्य लग जाता है फिर उसे सुलझाने में।
कितना अजीब है उस धागे का छोर ढूँढकर फिर उसे वैसे ही लपेटना जैसे..... जैसे मनुष्य लपेटता है अपनी उन सभी महत्वाकांक्षाओं को जो कि मात्र एक स्वप्न रह जाती हैं! 

जैसे मनुष्य लपेटता है अपनी उन सभी बुरी स्मृतियों को जल्दी-जल्दी, जो कि फिर उसे भटका देती हैं भूत-भवन में जहाँ वो बिलकुल अकेला होता है! 

जैसे वह तंतु स्वयं विकल हो उठता हो पुनः अपनी वास्तविकता प्राप्त करने को, क्योंकि उसे विदित है उसका अस्तित्व जो केवल ब

कभी-कभी एक तंतु उलझा देता है पूरे मनुष्य को, और मनुष्य लग जाता है फिर उसे सुलझाने में। कितना अजीब है उस धागे का छोर ढूँढकर फिर उसे वैसे ही लपेटना जैसे..... जैसे मनुष्य लपेटता है अपनी उन सभी महत्वाकांक्षाओं को जो कि मात्र एक स्वप्न रह जाती हैं! जैसे मनुष्य लपेटता है अपनी उन सभी बुरी स्मृतियों को जल्दी-जल्दी, जो कि फिर उसे भटका देती हैं भूत-भवन में जहाँ वो बिलकुल अकेला होता है! जैसे वह तंतु स्वयं विकल हो उठता हो पुनः अपनी वास्तविकता प्राप्त करने को, क्योंकि उसे विदित है उसका अस्तित्व जो केवल ब #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqhindi #yqquotes #धागा

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